बेटी

nandani laheza raypur

क्या है हमारे देश की पहचान
सभ्यता संस्कृति है इस देश की शान
वेद-पुराणों से रचा बसा ,मेरा भारत देश महान
पर इक बात सदा से में सोचूं
क्या यहाँ नारी को मिला है उचित स्थान
हाँ में नारी हूँ इस देश की ,जिसे भारत माता कहते है
यहाँ गंगा यमुना सरस्वती को भी मैया कहकर पूजते हैं
पर दूजी तरफ इन्ही को मैला करने से नहीं चूकते हैं
यहाँ नदिया हो या हो नारी ,एक सी स्थिति है दोनों की
कहने को पावन सबके लिए ,
पर अपमानों से गुजराती परिस्थिति दोनों की
आज भारतमाता रो रही यहाँ नारी की दशा देखकर
शर्मसार सी हो जाती अपने बेटों के कुकर्मो पर
हर नारी पूछना चाहती है प्र्श्न यही
बिटिया के रूप से जन्म लिया क्या यही गलती है मेरी
कभी कोख में आ ते ही मुझको जन्म लेने नहीं दिया जाता
कभी जन्म ले लिया तो सदा लहराता है डर का साया
मैं छोटी हूँ में बच्ची हूँ फिर भी कुचला मुझे जाता है
फिर बड़ी हो जाने पर खतरा और भी बढ जाता है
गरीब के घर की हूँ बिटिया तो दहेज़ की बलि में चढ़ती हूँ
पढ़ लिख कर कुछ बन भी गई तो तेजाब से जलाई जाती हूँ
सदियों से कहते ए सभी ऐ नारी तेरी यही कहानी
आँचल में दूध अखियों में पानी
पर अब इस परिभाषा को नारी तुझे स्वयं ही बदलना है
अपने अस्तित्व के लिए तुझको अब लड़ना है
मन में ठान यही इक बात
बस हुआ अब बहुत कुछ,पग-पग बढ़ने से रोका गया
अब न रुकेंगे हम ,न सहेंगे कोई भी गम
यह वादा अब हम सब को एकदूजे से करना है
हम भारत की नारी है
सम्मान से आगे बढ़ना है
नंदिनी लहेजा
रायपुर छत्तीसगढ़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *