बिहपुर प्रखंड के बभनगामा में रविवार को बिहार राज्य किसान सभा का 20वां अंचल सम्मेलन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता मंसूर आलम ने की, जबकि संचालन राकेश कुमार सिंह ने किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य सचिव मंडल सदस्य सह जिला संयोजक निरंजन चौधरी ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी को भागलपुर के भीखनपुर गुमटी नंबर 12 में जिला सम्मेलन होगा और 3 से 5 मार्च तक मोतिहारी में राज्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
सम्मेलन में निवेदन चौधरी, वशिष्ठ नारायण चौधरी, जयशंकर प्रसाद सिंह, भवेश कुमार मिश्रा, शारदा सुमन चौधरी, मनोज कुमार, और मुस्ताक अहमद सहित अन्य नेताओं ने किसानों की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की।
सम्मेलन की मुख्य मांगें:
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना: क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की मांग उठाई गई, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और मजदूरों का पलायन रुकेगा।
- पशुपालन और मत्स्यपालन को प्रोत्साहन: नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार से पशुपालन और मत्स्यपालन को बढ़ावा देने की अपील की गई।
- एमएसपी और स्वामीनाथन रिपोर्ट: किसानों ने कृषि लागत, पारिवारिक सहयोग, मालगुजारी समेत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग की।
- कृषि को संवाक्षेत्र घोषित करने की मांग: किसानों ने कृषि को संवाक्षेत्र घोषित करने और किसानों को हर महीने 10,000 रुपये पेंशन देने की बात कही।
- कर्ज माफी: किसानों के सभी प्रकार के बैंक लोन माफ करने की मांग भी सम्मेलन में उठी।
नई अंचल कमेटी का गठन:
सम्मेलन के अंत में 11 सदस्यीय अंचल कमेटी का गठन किया गया। इसमें मंसूर आलम को अध्यक्ष और राकेश कुमार सिंह को अंचल सचिव चुना गया।
इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे और उन्होंने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा। पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना और उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करना रहा।