मौन होकर इस धरा पर क्या…

प्रभात गौर

मौन होकर इस धरा पर क्या,वयक्त करना चाहते हो।
देख अत्याचार नेत्र से सारे,अनभिज्ञ बनना चाहते हो
इस धरा पर हो रहे हर पाप,में शामिल सब जीव हैं।
अवगुणो की खान मानव,क्या यह बताना चाहते हो।
“प्रभात गौर

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