31 अक्टूबर की आधी रात को झंडापुर ओपी से महज सौ गज की दूरी पर आधा दर्जन से अधिक अपराधियों ने रात भर मचाया तांडव ।
- झंडापुर थाने में तैनात डीपीसी 152 दफादार और एक निजी रात्रि प्रहरी को हाथ-पांव बांधकर किया बेरहमी से पिटाई
- दोनो मायागंज में इलाज़रत
- पुलिस ने घटना पर डाला पर्दा
- आजतक पता नही चला कि रात्रि प्रहरी के साथ किन अपराधियों ने क्यो की मारपीट
सन्मार्ग/नवगछिया। विगत 31 अक्टूबर की मध्य रात्रि करीब ढाई बजे बेखौफ आधा दर्जन से अधिक अपराधकर्मियों ने मिलकर झंडापुर ओपी से महज सौ गज की दूरी पर झंडापुर बाजार में जमकर तांडव मचाया था। और पुलिस को भनक तक नही लगी। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना 31 अक्टूबर रात्री करीब 1 बजे की है। स्थानीय पुलिस ने इस घटना को पूर्ण रूप से मीडिया से छिपाकर रखा। दरसल झंडापुर बाजार में रात्री प्रहरी के रूप में पैदल गस्त कर रहे झंडापुर ओपी में तैनात डीपीसी 152 दफादार झाड़खंड के गुमला जिला निवासी इंद्रा भगत को आठ दस अपराधियों ने अचानक लाठी-डंडे से हमला कर दिया और बड़ी ही बेरहमी से दफादार की पिटाई के बाद नकछेदी कुमर उच्च विद्यालय झंडापुर के पीछे बगीचे में ले जाकर हाथ-पाँव बांध दिया और फिर लाठी से मार-मार कर अधमरा कर दिया। बताया गया कि इस दौरान दफादार को एक शब्द बोलने तक का उनलोगों ने मौका नही दिया। मारपीट के क्रम में दफादार के मुह में गमछी ठूंस दिया था। बेतरतीब पिटाई से लहूलुहान दफादार इंद्रा भगत बेहोश होकर अधमरा हो गया। जिसके बाद सभी ने उसे वही बगीचे में छोड़ कर पुनः झंडापुर बाजार पहुंच गए और विद्यालय के गेट समीप ही दुकान पर सो रहे फल व्यवसाई एक युवक को बायजबरण उठाकर मारपीट करते हुए उसी बगीचे में हाथ पांव बांधकर छोड़ दिया। इतना ही नही कुछ देर बाद सभी अपराधी पुनः झंडापुर बाजार पहुँचे। तभी रात्री प्रहरी के रूप में बाजार में तैनात निजी गार्ड नेपाल निवासी अजय भंडारी को पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान अजय ने जान बचाने के लिए हल्ला करते हुए झंडापुर ओपी की तरफ भागा जिसके बाद थाना के संतरी बाहर निकले और गस्ती दल को सूचित किया गया। वही तबतक सभी अपराधी वहां से फरार हो चुके थे। तबतक बाजार के अन्य दुकानदार जग गए जिसके बाद सभी ने गस्ती पुलिस के साथ अपराधियो का पीछा भी किया लेकिन सभी अंधेरे का फायदा उठाते हुए विद्यालय के दक्षिण दिशा की ओर भाग गए। पुलिस ने दोनो को उठाकर सीएचसी बिहपुर पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद दफादार इंद्रा भगत और अजय भंडारी को मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर कर दिया। दोनो के सिर पर गंभीर जख्म है हाथ पांव समेत शरीर के अन्य भागों में चोट था। वही एक सप्ताह तक मायागंज में इलाज के बाद अजय भंडारी ठीक होकर लौटे लेकिन दफादार इंद्रा भगत आज भी मायागंज अस्पताल में मरनासन्न स्थिति में इलाज़रत है। उनकी हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है। आश्चर्य की बात है झंडापुर ओपी से महज सौ गज की दूरी पर इतनी बड़ी वारदात हुई और किसी को कानोकान खबर तक नही हुई और न ही घटना के 14 दिन बीतने के बाद भी इस कांड की गुत्थी पुलिस सुलझा पाई। क्योकि घटना क्यो और किसने किया। ये आजतक कोई नही जान सका और न पुलिस पता कर पाई है। झंडापुर ओपीध्यक्ष से घटना के बावत जानकारी के लिए वारदात के दूसरे दिन से आजतक संपर्क असफल रहा।