खगड़िया, 23 मई: नारायणा कैंसर सेंटर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए), खगड़िया के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एसडीओ रोड स्थित यशराज होटल में एक दिवसीय सीएमई (कन्टिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस शैक्षणिक संगोष्ठी का विषय था “सटीक चिकित्सा—ऑंकोलॉजी का भविष्य”, जिसमें कैंसर के इलाज में हो रहे अत्याधुनिक बदलावों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की।
मुख्य वक्ता के रूप में नारायणा कैंसर सेंटर के वरिष्ठ ऑंकोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक आनंद ने प्रीसीजन मेडिसिन यानी सटीक चिकित्सा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह पद्धति कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे मरीजों के इलाज में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। प्रीसीजन मेडिसिन मरीज के जीन, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करती है।
डॉ. आनंद ने बताया कि इस तकनीक के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से आनुवंशिक और जीवनशैली आधारित डेटा को विश्लेषित कर कैंसर की भविष्यवाणी और निदान संभव हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विधि न केवल इलाज को अधिक प्रभावी बना रही है, बल्कि इसके साइड इफेक्ट्स को भी न्यूनतम कर रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएमए, खगड़िया के प्रेसीडेंट डॉ. प्रेम शंकर ने की। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में एक ही बीमारी के लिए सभी मरीजों को समान उपचार दिया जाता था, जबकि सटीक चिकित्सा रोग के भिन्न-भिन्न उपप्रकारों को समझकर व्यक्तिगत इलाज की सुविधा देती है।
आईडीए, खगड़िया के प्रेसीडेंट डॉ. नागमणि नंदन ने कहा कि मेडिकल साइंस में हो रही निरंतर प्रगति ने इलाज के तरीकों को नया आयाम दिया है। प्रीसीजन मेडिसिन जैसे नवाचारों ने विशेष रूप से ऑंकोलॉजी के क्षेत्र में चिकित्सकों को बेहतर और सटीक इलाज देने में सक्षम बनाया है।
इस अवसर पर आईएमए के सेक्रेटरी डॉ. शैलेंद्र कुमार, आईडीए के सेक्रेटरी डॉ. कुमार देवरथ, और शहर के अनेक वरिष्ठ चिकित्सक, दंत चिकित्सक तथा स्वास्थ्यकर्मी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सकों को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी देना और कैंसर जैसे गंभीर रोग के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना था।