नवगछिया- राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी विश्वास झा ने मांझी के बयान पर पलटवार करते हुए बताया कि जीतनराम मांझी बिन पैंदी का लोटा हैं, इनका न तो कोई राजनीतिक महत्व है न कोई जातिगत पकड़। अंधे में काना राजा, इन्हें कहा जा सकता है। जो कुर्सी के लालच में अवसरवादी नेता बन जाए उनके विषय में क्या कहा जा सकता है। मांझी तो फुटबॉल हैं जैसे ही जदयू या बीजेपी वाले किक्स मारेंगे, लुढ़कते हुए राजद की शरण में आ जाएंगे। ब्राह्मणों को गाली गलौज करने से पहले वे खुद का अस्तित्व दे लें।

उन्हें तो शायद ये भी नहीं पता है कि ब्राह्मण समाज को एक सूत्र में जोड़ते हैं। श्री झा ने कहा कि सार्वजनिक मांफी मांगे मांझी, ब्राह्मणों का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं होगा। श्री झा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मांझी ये न भूलें कि ब्राह्मण पूजा और श्राद्घ दोनों कराने में माहिर होते हैं। वहीं जिलाध्यक्ष पंडित ललित झा ने मांझी को समाज में जातिवाद फैलाने वाला नेता करार दिया। पंकज झा ने कहा कि नास्तिक को भगवान में आस्था कहाँ से नजर आएगी। मालूम हो कि शनिवार की शाम पटना में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों और देवी-देवताओं के लिए बेहद अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया था। मांझी ने कहा कि लोग आज कल सत्यनारायण भगवान की पूजा करवा रहे हैं, और पंडित **** (गाली) आते हैं तो बोलते हैं हम खायेंगे नहीं, नगद (पैसा) दीजिये। मांझी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि पहले गरीबों के बीच यह पूजा देखने को नहीं मिलती थी। लेकिन आज कल खूब हो रही है। जीतन राम मांझी के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।