हिंदीशाला और स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के सहयोग से अभिव्यक्ति शास्त्र की पांच दिवसीय साहित्यिक कार्यशाला का आयोजन किया गया।।

IMG 20220602 WA0130

हिंदीशाला और स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के सहयोग से अभिव्यक्ति शास्त्र की पांच दिवसीय साहित्यिक कार्यशाला के दूसरे दिन निबंध लेखन में सभी प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दर्शनशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर नीलिमा थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ योगेंद्र कर रहे थे। प्रोफ़ेसर नीलिमा ने अपने वक्तव्य में दर्शन से साहित्य को जोड़ते हुए निबंध की दुनिया को बताने का प्रयास किया कि किस प्रकार आप सिर्फ चित्रों को देखकर उसके बारे में अपनी अभिव्यक्ति रख सकते हैं।

img 20220602 wa01293378113101985360523

हम चित्र के माध्यम से घटनाओं को किस तरह चित्रित करते हैं। उनके संरचनाओं को समृद्ध कर पाते हैं, अलग रूप दे सकते हैं। डॉक्टर योगेंद्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि निबंध की भी अपनी एक दुनिया है ,किस तरह हम किसी संरचना से चीजों को अलग-अलग रूपों में देखते हैं साथ ही शब्द सीमा का भी ध्यान रखना होता है, भाषा कौशल को सुस्पष्ट रखना ही निबंध को उत्कृष्ट बनाता है। आप अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।वही सुकांत कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा काव्य लेखन की गद्य विधा ही निबंध है। जिन चीजों को सही रूप में परिभाषित करते हैं उसे निबंध कहते हैं।

पिक्चर थ्योरी ऑफ मीनिंग से चीजों को अलग करते हैं।डॉक्टर सुजाता ने अपने वक्तव्य में वर्तनी संबंधी शुद्धि, विराम चिन्ह का उचित प्रयोग के बारे में बताते हुए इस को समृद्ध करने की बात कहीं।इस कार्यक्रम का संचालन राहुल कुमार कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रणव कुमार ,एकता आनंद ,रुपेश, वैष्णवी, सुभद्रा निशा, प्रेरणा, रिचा कुंदन ,पूजा शिखा श्री ,अनीता ,रितिका ,सोनू राजेश ,रश्मि किरण ,अनुपम, कुमारी निवेदिता आदि उपस्थित थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *