कोसी की कोख में समाया एक और सपना – कटाव ने छीनी एक ज़िंदगी

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नवगछिया के कदवा क्षेत्र में कोसी नदी ने फिर एक परिवार को अनाथ कर दिया। तारबूज की खेती के सपने लेकर अपने ससुराल आए संजीव कुमार महतो की ज़िंदगी कोसी किनारे कटाव की धसान ने लील ली। टील्हाकोठी गांव निवासी संजीव, जो दिलदारपुर दियारा के लक्ष्मण महतो के पुत्र थे, सुबह-सुबह लघु शंका के लिए नदी किनारे गए थे। लेकिन, कोसी के तीव्र कटाव में फिसल कर धसान के नीचे दब गए।

घटना के बाद मौके पर पहुंचे स्थानीय लोग और पुलिस ने उनकी लाश को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस हादसे ने चार बच्चों के पिता और एक पूरे परिवार के सपनों को चूर-चूर कर दिया। संजीव की ससुराल लौआलगान बिन्दटोली में उनके आगमन को खुशियां समझा जा रहा था, लेकिन कोसी की निर्ममता ने इस खुशी को गम में बदल दिया।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव में मातम का माहौल है। कोसी, जो कभी जीवन देने वाली नदी मानी जाती थी, अब विनाश की प्रतीक बन चुकी है। इस घटना ने न केवल एक व्यक्ति की जान ली, बल्कि यह भी याद दिला दिया कि कोसी किनारे रहने वालों के लिए हर दिन एक संघर्ष है।

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