Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर अभी कोई बात नहीं हुई है। हाल ही में दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा था कि हर राज्य में ‘अच्छी’ और ‘बुरी’ सीटें होती हैं। उन्होंने यह भी कहा, “और ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक पार्टी को सारी अच्छी सीटें मिलें और दूसरी को बुरी सीटें। सीट बंटवारे में अच्छी और बुरी सीटों के बीच संतुलन होना चाहिए।” दरअसल कांग्रेस उन सीटों को “अच्छी” मानती है, जिन पर साल 2020 के विधानसभा चुनावों में पार्टी या तो जीती थी या मामूली अंतर से हार हुई थी।
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने कहा, “हम उन सभी 19 सीटों पर अपना दावा पेश करेंगे जिन पर कांग्रेस ने 2020 में जीत हासिल की थी। साथ ही, उन सीटों पर भी जहाँ पार्टी के उम्मीदवार लगभग 5,000 वोटों के अंतर से हारे थे। मौजूदा माहौल में, जब राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा ने पूरे बिहार में इंडिया ब्लॉक कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है, हमें विश्वास है कि हम सहयोगियों के सहयोग से ऐसी सीटें जीत सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “सीटों का बंटवारा ऐसा नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस को केवल वही सीटें मिलें जहाँ राजद और उसके सहयोगी पिछले चुनावों में नहीं जीत पाए थे। और ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि एक ही पार्टी को वे सभी सीटें मिल जाएँ जहाँ सामाजिक समीकरण महागठबंधन के पक्ष में हों।”
कांग्रेस के लिए कौन सी सीटें अच्छी हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, हालाँकि उसे सिर्फ़ 19 सीटों पर ही सफलता मिली थी। इससे पहले 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भी, खासकर राहुल गांधी के हालिया दौरे के बाद, कांग्रेस पार्टी 70 विधानसभा सीटों की माँग कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने साल 2020 में जिन 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 27 सीटें उसके लिए ‘अच्छी’ हैं। इसमें 19 सीटें जीतीं और आठ सीटें ऐसी हैं जहाँ पार्टी लगभग 5,000 वोटों से हारी।
कांग्रेस के इस ‘गणित’ के अनुसार, बिहार में राजद के लिए 92 ‘अच्छी सीटें’ हैं। यह महागठबंधन के दलों में सबसे ज़्यादा है। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से उसे 75 पर सफलता मिली थी। इसके अलावा, 17 सीटों पर उसे 5000 से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।