धरोहर
शॉपिजन एप साहित्यकारों को दे रहा विशेष पहचान
साहित्यकारों के लिए बड़ी समस्या होती है पुस्तकों का प्रकाशन एवं पुस्तकों को बेचना । एक वह भी समय था जब साहित्यकार हज़ारों की लागत से अपनी पुस्तकें छपवाते थे फिर उसे घुम-घुम कर बस ट्रेन में बेचा करते थे । आज भी कई रचनाकार पुस्तकें हज़ारों की लागत से छपवा तो लेते है पर … Read more