रामनवमी पर कैसे भड़की हिंसा? ऑपरेशन अंधेर’वर्दी’ में खुलासा

पटना: रामनवमी (Ram Navami) पर जुलूस के दौरान बिहार में हुई हिंसा को लेकर दो जिले (सासाराम और नालंदा) इन दिनों काफी चर्चा में हैं. हिंसक घटना के बाद पुलिस जांच की बात कर रही है. बिहार के सीएम नीतीश सरकार (Nitish Kumar) के अनुसार दोषियों पर कार्रवाई जारी है लेकिन इस घटना के पीछे किसे जिम्मेदार माना जाए? एबीपी न्यूज़ ने स्टिंग ऑपरेशन अंधेर’वर्दी’ में सोमवार (10 मार्च) को इसका खुलासा किया है. एबीपी न्यूज़ के स्टिंग ऑपरेशन में पुलिस विभाग की लापरवाही सामने आई है. स्टिंग ऑपरेशन में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अंधेरा होने से इस पर लगाम लगाने में परेशानी होने लगी थी.

अंधेरा और आउट ऑफ कंट्रोल हो गई भीड़

सबसे बड़ा सवाल है कि इस घटना की शुरुआत किस की तरफ से हुई थी? इस पर बिहार शरीफ के लेहरी थाना के एसएचओ सुबोध कुमार ने स्टिंग ऑपरेशन में बताया कि यह कहना मुश्किल है. सवालिया लहजे में कहा कि यह कोई एक्सेप्ट करता है? दंगा के समय लोग इस मेंटालिटी से उतरते हैं कि जो कुछ हैं हम ही हैं. कोई सिस्टम और प्रशासन नहीं है. पुलिस बल की कमी पर एसएचओ ने बताया कि हर जगह कितनी पुलिस लगाएंगे? इतनी पुलिस थोड़ी है. भीड़ ऑउट ऑफ कंट्रोल हो गई और अंधेरा हो गया. अंधेरा नहीं होता तो हम लोग इतना भी नुकसान नहीं होने देते. बिजली कटी हुई थी. करंट से क्यों नहीं मर जाए, उस हालात में भी कोई कैसे भी मरे दोष प्रशासन पर ही आता है.

एसएचओ ने कहा- इंटेलिजेंस से नहीं मिली मदद

आगे एसएचओ सुबोध कुमार ने बताया कि एक अप्रैल की शाम सात बजे भागते-भागते किसी तरह से जान बचा पाए. उसी घटना में कैजुअल्टी हुई थी. बिहार थाना के एसएचओ नीरज कुमार सिंह ने कहा कि उस समय पांच-छह जगह एक साथ ही हिंसक झड़प हुई. हम लोग चाह कर भी नहीं जा पाए. इंटेलिजेंस से मदद पर एसएचओ सुबोध कुमार ने बताया कि हम लोग इसी तरह से करते हैं. पहले भी इसी तरह से करते रहे हैं. यहां ऐसा अलग कुछ नहीं है. असामाजिक तत्वों की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर बिहार थाना के एसएचओ नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिला नालंदा में ग्रुप चलता है. जो पकड़े गए, उसी से फुटेज मिला है.


क्या कोई पॉलिटिकल प्रेशर है?


बिहार में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद अब स्थिति कंट्रोल में है? इस पर बिहार थाना के एसएचओ ने बताया कि वह संतुष्ट नहीं हैं. कहा कि उन पर दूसरे तरीके का प्रेशर आया हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि एसएचओ ने किस प्रेशर की बात की है? क्या कोई पॉलिटिकल प्रेशर है? स्टिंग ऑपरेशन में कैद एसएचओ के इस बयान से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

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