2 करोड़ की लागत से बने माँ काली मन्दिर की भव्यता की चर्चाएं जोरों पर
श्रवण आकाश, खगड़िया
मां काली की कलश को पूरे गाँव आकर्षक रथ पर रखकर नगर ग्राम भ्रमण कराया गया। नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा व भव्य मंदिर निर्माण की चर्चा पूरे इलाके में हो रही हैं। मां काली के जयकारे से सिर्फ कन्हैयाचक गांव हीं नहीं बल्कि पुरे परबत्ता नगर पंचायत गुंजायमान हो उठा है। प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले डेढ़ साल से इस मंदिर की नवनिर्माण प्रक्रिया चल रही थी। स्थानीय लोगों द्वारा कहा जाता है कि आज़ादी से पूर्व से ही यह मंदिर अपनी कृपा के लिए चर्चा का प्रयाय बना हुआ है। चुकि पहले से प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम उद्घोषित था ।फलस्वरूप जैसे ही कलश को पटना से मंगाए गए रथ पर रखा गया कि हजारों की संख्याओं में इलाके भर के हजारों लोगों का हुजूम माँ काली के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा । जहां पूरे गाँव मे बाड़ी बाड़ी से सभी लोगों के घरों के पास रथ को रोककर ग्रामीणों द्वारा पूजा करना, आरती दिखाना की प्रक्रिया देर शाम तक चलती रही।
वहीं कमिटी के सक्रिय सदस्य गौरव कुमार, गौतम बताते हैं कि जब से मन्दिर को पुनर्निर्माण के लिए तोड़ा गया था,तब से पूरे आयोजित कार्यक्रम को पूरे ग्रामीणों द्वारा पिछले एक साल से योजनाओं का रूप दिया जा रहा था । आज रथ यात्रा और पिछले दो दिनों से लगातार हो रही शाम में भव्य महा आरती जो वाराणसी से आये हुए पंडितों द्वारा की जा रही है, जिसको देखने के लिए शाम के 5 बजते ही हज़ारों लोगों की भीड़ मन्दिर प्रांगण में जुटता है । जो श्रद्धालुओं के लिए देखने योग्य व मनोरम दृश्य बनती दिखाई देती है।
पुछताछ में स्थानीय ग्रामीण निरंजन मिश्र, आर के अमुल, रुपेश चौधरी, राहुल राज, अमित मिश्रा, अनुपम मिश्र, संजना चौधरी, खुशबू चौधरी, दुर्गा कुमारी, संजू भारती आदि ने बताया कि अतिप्राचीन मां काली मंदिर कन्हैयाचक में मां काली साक्षात वास करती है। जहां सच्ची श्रद्धा मन से मां से मांगी हर वो मनोकामनाएं पूर्ण होती है, जिन्हें भक्त चाहते हैं। वहीं मनोकामना सिद्ध मां काली की पुजा सिर्फ मेला में नहीं बल्कि सालों भर हर दिन रात भक्तों द्वारा मां की पुजा अर्चना की जाती है। अंततः बताते चलें कि उक्त आयोजन को लेकर स्थानीय क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बनी हुई है। इतना ही नहीं, वहीं माँ काली कन्हैयाचक मेला समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्र बताते हैं कि जिस प्रकार अधिवास का कार्यक्रम हुआ, महा आरती हुई, कलश का नगर भ्रमण हुआ,भव्य कलश यात्रा हुई, रात्रि में कलकत्ता की आई हुई जागरण टीम द्वारा जागरण किया गया । वो स्थानीय लोगों में काफी हर्ष का माहौल है।