परबत्ता विधायक पर एफआईआर: थानाध्यक्ष ने लगाया चुनाव प्रभावित करने की धमकी का आरोप

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परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के राजद प्रत्याशी और मौजूदा विधायक डॉ. संजीव कुमार के खिलाफ परबत्ता थाना में वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से धमकी देने का मामला दर्ज कराया गया है। यह प्राथमिकी परबत्ता थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने स्वयं अपने तर्कसहित आवेदन के आधार पर दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया है कि विधायक ने उन्हें फोन से चुनावी कार्यों में दखल और प्रतिकार के अंदेशे वाले शब्दों में धमकाया। थानाध्यक्ष अरविंद कुमार के आवेदन के अनुसार, उनकी मोबाइल संख्या 9534865122 पर विधायक डॉ. संजीव कुमार के मोबाइल नंबर 7762091144 से वॉट्सऐप कॉल कर उन्हें संवेदनशील और भय उत्पन्न करने वाले शब्दों से कहा गया कि उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारी मिथिलेश चौधरी के विरुद्ध सीसीए-3 का प्रस्ताव क्यों भेजा। पुलिस अधिकारी ने अपने आवेदन में बताया है कि विधायक ने कहा—“मेरे आदमी मिथिलेश के खिलाफ सीसीए-3 का प्रस्ताव भेजकर आपने अच्छा नहीं किया, इसका अंजाम भुगतना होगा।” इस तरह के कथित अलभ्य भाषा-उपयोग और धमकीपूर्ण कथनों से थानाध्यक्ष पर मानसिक एवं शारीरिक क्षति पहुँचाने की आशंका जताई गयी है।

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आवेदन में थानाध्यक्ष ने यह भी उल्लेख किया है कि विधायक द्वारा की गयी कथित धमकी का उद्देश्य आसन्न विधानसभा चुनाव को प्रभावित करना और एक सरकारी सेवक को डराकर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में बाधा उत्पन्न करना हो सकता है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के कृत्य से किसी प्रकार का षड़यंत्र कर उन्हें फंसाया भी जा सकता है, इसलिए घटना संवेदनशील है और इसकी गंभीरता से जांच की आवश्यकता है।
थानाध्यक्ष द्वारा कराया गया आवेदन और प्राथमिकी पुलिस रेकॉर्ड में दर्ज कर ली गयी है। प्राथमिकी में संभव साक्ष्यों के संरक्षण तथा कॉल-लॉग, वॉट्सऐप रिकॉर्ड और संबंधित पक्षों के बयान दर्ज करने की बात कही गयी है। थानाधिकारी के मुताबिक, उन्होंने विधायक से संवाद स्थापित करने का प्रयास भी किया, परंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका और न ही विधायक की ओर से अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया।

इस घटना के बाद स्थानीय स्तर पर राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है। परबत्ता विधानसभा में आगामी चुनाव को लेकर पहले से ही सियासी तनाव उच्च स्तर पर है और ऐसे आरोपों ने माहौल और अधिक संवेदनशील बना दिया है। राजद और प्रतिपक्षी दलों के स्थानीय नेताओं के बयान आना बाकी हैं; वहीं निर्वाचन प्रक्रिया पर पड़ने वाले प्रभाव के मद्देनजर प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर भी अलर्ट रहने की जानकारी मिली है।
स्थानीय नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध धमकी दी जाना गंभीर मामला है और यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं तो नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की अपेक्षा की जाएगी। वहीं दूसरी ओर विधायक के प्रतिनिधि या समर्थकों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पुलिस ने प्राथमिकी के आधार पर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। कॉल-डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) और वॉट्सऐप कॉल लॉग के माध्यम से सत्यापन के साथ-साथ संबंधित व्यक्तियों के बयानों के आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनायी जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच स्वतंत्र रूप से करायी जाएगी और यदि किसी भी पक्ष द्वारा चुनाव के निष्पक्ष संचालन में बाधा डाली गयी मिली तो नियमों के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।
हमने इस मामले में विधायक डॉ. संजीव कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया, परन्तु वह उपलब्ध नहीं रहे। जैसे ही पक्ष की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलती है, पाठकों को सूचित किया जायेगा।

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