अरवल से निशान्त मिश्रा
अरवल जिला के कुर्था में गुरु पूर्णिमा के मौके पर गुरु दक्षिणा कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस मौके पर स्वामी कन्हैया शरण महाराज उर्फ छोटे सरकार को उपस्थित लोगों ने गुरु पूर्णिमा पर गुरु दक्षिणा दी इस मौके पर स्वामी कन्हैया करण महाराज ने कहा कि भारतवर्ष में गुरु की प्रमुख भूमिका मानी जाती है भले पूरी दुनिया में किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व सुधारने के लिए शिक्षा को प्राथमिकता दी गई हो लेकिन देखा जाए तो भारत में शिक्षा को ही महत्व दिया गया है इससे भी कहीं ज्यादा प्राथमिकता शिक्षक को दी गई है कहावत है कि गुरु ही है तो अपने शिष्य को सत्कर्म मार्ग दर्शाता है ।
गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु को साक्षी मानकर मनाया जाता है हालांकि भारतवर्ष में मनाए जाने वाले हर पर्व के पीछे कोई न कोई पौराणिक मान्यता रहती है इसी के तहत इस पर्व को मनाने के पीछे भी एक मान्यता है कि जो महर्षि वेदव्यास से जुड़ी हुई है भारत के प्राचीनतम काल में गुरु और शिष्य की बहुत सी कथाएं प्रचलित है जो हमें एहसास कराती है कि भविष्य संभालने में गुरु का विशेष योगदान रहता है वहीं भारत में गुरु और शिष्य के बीच एक अलग ही रिश्ता माना जाता है इसी से अपने गुरुओं को पूजनीय देव का स्वरूप मानते हैं इसलिए आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर उपस्थित भक्तों ने अपने गुरु स्वामी कन्हैया शरण महाराज जी को अंग वस्त्र देकर गुरु दक्षिणा दी और उनसे आशीर्वाद लिया