भागलपुर, 12 अप्रैल 2025 — पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी की अध्यक्षता में आज समाहरणालय के समीक्षा भवन में भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, लखीसराय एवं शेखपुरा जिलों में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई।

बैठक में वर्ष 2022–23 से 2024–25 तक पशु उपचार, एंबुलेटरी वाहन, केसीसी शिविर, समेकित बकरी–भेड़ एवं मुर्गी विकास योजनाओं, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों तथा 100 नए पशु चिकित्सालयों के निर्माण की प्रगति पर चर्चा की गई। सभी जिलों में पशु उपचार उपलब्धता लगभग 100% पाई गई, जबकि शेखपुरा में एंबुलेटरी वाहन की उपलब्धता 45% रही।

मत्स्य संसाधन निदेशक अभिषेक रंजन ने बांका, भागलपुर, जमुई व मुंगेर के जलाशयों के जीर्णोद्धार एवं अलंकारी मत्स्य इकाइयों की स्थापना की जानकारी दी। भागलपुर में दो रंगीन मछली हैचरी संचालित हैं, जिनमें बीज उत्पादन जारी है। डॉ. विजयलक्ष्मी ने महिलाओं को प्रशिक्षित कर एक्वेरियम आधारित कुटीर उद्योग स्थापित करने, एसओपी तैयार कर सोशल मीडिया पर प्रचारित करने और सैंडिश मैदान तथा नवगछिया जीरोमाइल के पास स्थायी प्रदर्शनी लगाने के सुझाव दिए।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री तालाब मत्स्यिकी विकास योजना एवं मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के तहत नए तालाब, बायोफ्लॉक एवं रियरिंग तालाब, यांत्रिक एरेटर और पंप सेट निर्माण की समीक्षा की गई। नवगछिया के पांच एकड़ चौर विकास का उदाहरण देते हुए मत्स्य उत्पादकों के भ्रमण दर्शन कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई।
डॉ. विजयलक्ष्मी ने सीड एवं फीड पर विशेष ध्यान देने, पूर्वोत्तर राज्यों में मछली निर्यात बढ़ाने और बांका को मछली उत्पादन का मॉडल जिला बनाने पर बल दिया। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने सभी संबंधित अधिकारियों को योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन और जन-जागरूकता अभियान तेज करने के निर्देश दिए।