राजनीति छोड़ संत बने मजदूर संगठन के जिला प्रवक्ता

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अरवल से निशान्त मिश्रा

भारतीय किसान विकास मजदूर संगठन के अरवल जिला प्रवक्ता विनय कुमार दरोगा ने छोटे सरकार कन्हैया शरण स्वामी के तत्वावधान में उन्हेंने सन्यास धर्म ग्रहण किया। इस दौरान उन्हेंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की आज के युग में हर तरफ बाबाओं का मायाजाल है। जिधर देखो उधर बाबा ही बाबा नजर आते हैं। आज हमारे देश में धर्म के नाम पर लगातार पाखंड बढ़ रहा है। यह पूरे समाज के लिए घातक है। इससे देश गलत रास्ते पर जा रहा है। सच तो यह है कि आज बाबाओं के नाम पर ढ़ोंग बहुत ज्यादा है, आज के समय में परोपकारी बाबा तो बहुत कम देखने को मिलते हैं। वास्तव में, यहाँ बाबा शब्द के अलग अलग अर्थ व मतलब हो सकते हैं लेकिन हम यहाँ बात कर रहे हैं धर्म और अध्यात्म से ताल्लुक रखते वाले बाबाओं की।

आज के युग में बाबाओं को धर्म व अध्यात्म से कोई मतलब या सरोकार नहीं रह गया है, ज्यादातर बाबा लोग धर्म व अध्यात्म के नाम पर पाखंड करते हैं और उनका उद्देश्य सिर्फ़ और सिर्फ़ पैसा कमाना हो गया है। वैसे यहाँ यह भी जानकारी देना चाहूंगा कि बाबा शब्द का प्रयोग हमारे समाज में वृद्ध पुरूषों, दादा,पितामह के लिए भी अक्सर प्रयोग किया जाता है। लेकिन हम यहाँ बाबा शब्द को साधु-संत के अर्थ के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।अपने लिए कोई भी किसी भी प्रकार की सांसारिक इच्छा नहीं रखने वालों तथा परोपकार में अपना जीवन बिताने वालों को ही वास्तव में असली संत कहा जाता है।

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