व्यक्तित्व विकास एवं भाषाई चेतना पर हुआ विचार-विमर्श, टॉपर्स को मिला सम्मान
भागलपुर। तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में शुक्रवार को यूको बैंक, भागलपुर के सौजन्य से “यूको बैंक जी.डी. बिड़ला स्मृति व्याख्यानमाला एवं यूको राजभाषा सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘व्यक्तित्व विकास एवं भाषाई चेतना’ रहा। इस अवसर पर विभाग की अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नीलम महतो मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन और कुलगीत से हुई। यूको बैंक के अधिकारियों द्वारा हिन्दी विभाग के शिक्षकों को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया।

विभागीय प्रतिभाओं को मिला सम्मान
यूको बैंक, भागलपुर द्वारा सत्र 2022-24 के पीजी हिन्दी विभाग के प्रथम टॉपर शुभ्रा कुमारी एवं द्वितीय टॉपर अबरार अली को पाँच-पाँच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस पहल को विद्यार्थियों में उत्साहवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना गया।

मुख्य वक्ता डॉ. नीलम महतो ने कहा कि मनुष्य का समाज से संबंध केवल जैविक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी होता है। हमारा व्यक्तित्व संस्कृति से निर्मित होता है और संस्कृति को जानने का माध्यम भाषा है। उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता के लिए सतत प्रयत्नशील रहने और संस्कृति के मूल स्वरूप को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
अन्य वक्ताओं के विचार
हिन्दी विभाग के डॉ. अनुप श्री विजयिनी ने कहा कि भाषा और व्यक्तित्व एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं, और उन्हें अलग नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर डॉ. मनजीत कुमार सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजन को अत्यंत उपयोगी और प्रेरक बताया।
उपस्थित गणमान्य एवं विद्यार्थी
कार्यक्रम में यूको बैंक के सहायक महाप्रबंधक एवं उप अंचल प्रमुख श्री हेमंत कुमार, मुख्य प्रबंधक (राजभाषा) श्री सुभाष चंद्र साह, अंगिका विभाग से डॉ. शोभा एवं अनिल कुमार, हिन्दी विभाग से डॉ. अनुप श्री विजयिनी, डॉ. मनजीत कुमार सिंह, जेआरएफ शोधार्थी एवं संभाग 2 एवं 4 के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
धन्यवाद ज्ञापन यूको बैंक के भाषा अधिकारी सुभाष चंद्र साह ने किया, जिन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच भाषा चेतना के प्रसार में इस आयोजन की भूमिका को रेखांकित किया।
यह आयोजन विद्यार्थियों में भाषाई अभिव्यक्ति, संस्कृति बोध और व्यक्तित्व विकास के समन्वय को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास के रूप में देखा गया।