नारायणपुर डाकघर से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें तत्कालीन उप डाकपाल मनोहर चौधरी पर 54 लाख 66 हजार 378 रुपये के गबन का आरोप लगा है। आरोपी, जो बिहपुर थाना क्षेत्र के अमरपुर का निवासी है, ने यह धनराशि नारायणपुर निवासी सेवानिवृत्त फौजी राजदेव रजक और उनकी पत्नी श्यानमनी देवी के खातों से अवैध रूप से निकाली थी।
“अवैध निकासी का खेल”
वर्ष 2021 और 2022 के दौरान आरोपी ने सरकारी हिसाब-किताब में गड़बड़ी करते हुए इन खातों से अवैध निकासी की। इसका खुलासा तब हुआ जब ग्राहकों ने अपने खातों की जानकारी मांगी। विभागीय जांच में पाया गया कि निकासी का लेखा-जोखा सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया था।
“विभागीय कार्रवाई और प्राथमिकी दर्ज”
डाक निरीक्षक जेसी राय ने भवानीपुर थाना में आरोपी उप डाकपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। विभाग ने तत्परता दिखाते हुए मनोहर चौधरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
“ग्राहकों का सहयोग भी सवालों के घेरे में”
जांच के दौरान राजदेव रजक और श्यानमनी देवी पर भी सवाल उठे हैं। विभाग का आरोप है कि उन्होंने भयभीत होकर या बहलाने-फुसलाने के कारण अपनी पासबुक समय पर उपलब्ध नहीं कराई। इससे जांच में देरी हुई।
“पुलिस की कार्रवाई तेज”
भवानीपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
“डाकघर में विश्वास का संकट”
यह घटना डाकघर जैसी प्रतिष्ठित संस्था पर गहरा धक्का है। ग्राहकों के बीच जहां विश्वास डगमगाया है, वहीं विभाग के लिए यह एक गंभीर प्रशासनिक चुनौती बन गई है।
“54 लाख के गबन का यह मामला न केवल एक घोटाला है, बल्कि यह संस्थागत ईमानदारी पर उठते सवालों का भी प्रतीक बन गया है। अब देखना होगा कि पुलिस और विभाग इस मामले को कितनी तेजी और सख्ती से सुलझाते हैं।”