भागलपुर सुलतानगंज प्रखंड के नयागांव पंचायत के बाथ गांव मे श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास सुश्री किशोरी जी ने कहा कि मनुष्य के चरित्र निर्माण में संगति का बड़ा योगदान होता है ।
मनुष्य के अंदर सद्गुणों और दुर्गुणों का बहुत बड़ा स्रोत है संगत।
इसलिए चरित्र निर्माण की अपेक्षा अगर समाज से समाज को है तो सत्संग का हरि कथा का आश्रय जीव को अवश्य लेना होगा।
क्योंकी सत्संग स्मृति खोलती है वो स्मृति जो परमतत्व से जुड़ी है।
उन्होंने कहा संत का संग ,संत की कृपा जीव के बड़े से बड़े कार्य को भी साध देता है ।
संत की किपा जीव के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है। संत की कृपा ही जीव को ईश्वर की अहेतु की भक्ति का मार्ग प्रशस्त करके बतलाती है इसलिए संत इस जगत में बड़े उपकारी हैं
कथा के अंतिम में उनके द्वारा भीष्म पितामह के महाप्रयाण की कथा ने सभी श्रोताओं के हृदय को भावविभोर कर दिया।इस दौरान तमाम ग्रामीण एंव कार्यकर्ता मौजुद थे।