श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा एक दीक्षांत समारोह में दिया गया बयान में हिंदुओं का पवित्र धर्म ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर अमर्यादित व धर्म विरोधी बयान कि रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी। देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी।’
वहीं इसको लेकर परबत्ता जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने अपने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को अपनी तीखी प्रतिक्रिया के जरिए जमकर साधा निशाना और कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामचरितमानस के बारे में उन्होंने ऐसा घिनौनी बयान दिया। इस जहां में राजनीतिक व गठबंधन के मंत्रियों के मुंह से ऐसी बातें से दुखद और कुछ नहीं हो सकता । इनके इस बयान से सिर्फ बिहार के लोग ही नहीं, बल्कि सारे हिंदू समाज के लोग दुखी हैं और इतना ही नहीं दूसरे धर्म के लोग भी दुखी हैं। आप जिस धर्म के लोग हैं, आप उसी धर्म के बारे में अनाप-शनाप बयान कर रहे हैं। जो मुझे हीं नहीं बल्कि पुरे जनताओं को साफ दिख रही है कि रामचरितमानस के बारे में आपको ज्ञान का अभाव हैं। आपको ज्ञात होने चाहिए कि रामचरितमानस एक तरह से हिंदूओं व सनातन धर्म का एक पुजनीय व सम्माननीय धर्म ग्रंथ हैं, आप जिस धर्म के हैं और आप उसी धर्म के बारे में अनाप-शनाप बयान जारी कर रहे हैं, अर्थात आप जिस पत्तल में खा रहे हैं उसी में छेद कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि रामचरितमानस हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा विश्वसनीय व पुजनीय ग्रंथ हैं। हमारे जो लाखों नहीं करोड़ों अरबों हिन्दुओं के आस्था से जुड़ा हुआ हैं। इसमें खासकर सनातन धर्म के बारे में चर्चा की गई है और हमारे बेहतर जीवन शैली के साथ ही साथ इसमें भारतीय संस्कार के बारे में विशेष कर बताएं गया और प्रभु श्री राम जी का पूरा जीवनी बताया गया है, जिससे हम लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है और सदियों से वर्तमान तक और आने वाले पीढ़ियों को भी रामचरितमानस से बहुत कुछ सीखने को मिलता रहेगा। इतना ही नहीं आज के युग में विपरीत परिस्थिति से आप कैसे बाहर आ सकते हैं ? यह सब मुझे पता चलता है। माता-पिता और उनका सम्मान करने की चर्चा से लेकर पुत्र को कितना प्यार देना चाहते हैं, पति के साथ किस तरह का वर्ताव करना चाहिए, भाई और दोस्तों समेत छोटे बड़े से किस तरह का मेलजोल व प्रेमपुर्वक जीवनशैली और प्रेम से सुन्दर जीवन जीने की कला बताई गई है।
जबकि वहीं परबत्ता जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने ये भी कहा कि तुलसीदास जी ने बहुत ही सोच समझकर रामचरितमानस लिखे हैं और उनके बारे में अनाप-शनाप बयान देना बिल्कुल निंदनीय हैं। मुझे लगता है इन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उनका दिमाग खराब हो चुकी है । या फिर हो सकता है यह लोगों की मोनू पॉलिसी को देख आन में आकर उन्होंने यदि विवादास्पद बयान कहा तो माननीय शिक्षा मंत्री जी आपको सामने आकर माफी मांगने चाहिए । अगर आप माफी मांगने से इनकार करते हैं, तो बेहतर होगा कि आप अन्य धर्म में चले जाएं, हिंदू धर्म को त्याग दें, इस्लाम का पालन करने लगे, आपके लिए बेहतर होगा कि हिंदू धर्म में की धार्मिक ग्रंथों पर दी गई विवादास्पद बयान वापिस ले। यह हम लोगों व समस्त सनातन धर्म व करोड़ों अरबों हिन्दुओं के बर्दाश्त के बाहर है और बिहार हीं नहीं बल्कि पूरे देश की जनता आपकी घिनौनी बयानबाजी से नाखुश हैं। आप महागठबंधन में तो महागठबंधन धर्म का पालन करें, अन्यथा बर्दाश्त के बाहर हैं, इसकी मैं हीं नहीं बल्कि पूरे देश की जनता घोर निंदा कर रहे हैं ।