रामजानकी ठाकुरबाड़ी का इतिहास 350 वर्ष से भी अधिक का है। यह इस पूजन परंपरा को पहले ब्रह्मलीन महंत कमलदास महाराज, दूसरे मनोहर दास महाराज, तीसरे श्यामदास महाराज, चौथे गंगादास महाराज, पांचवें मधुसूदन दास महाराज व छठे ब्रह्मलीन महंत कौशलकिशोर दास के बाद सातवें सह वर्तमान महंत नवलकिशोर दास यथावत रखे हुए हैं। वर्तमान महंत नवलकिशोर दास बताते हैं कि यहां के पूजन परंपरा में आज भी तनिक भी फेरब फेरबदल नहीं किया गया है।
ठाकुरबाड़ी के नियमित पुजारी पवन झा हैं। जबकि रामनवमी पर पूजन मड़वा गांव निवासी स्व. शालीग्राम मिश्र के वंशज मुन्ना मिश्र संपादित कराते हैं। चढ़ावे सह बाल भोग में पेड़ा, धनिया चूर्ण, केला, दही आदि दिया जाता है।व हीं पूजा के दौरान ठाकुरजी को गंगाजल, पंचामृत से स्नान कराने के बाद पुनः गंगाजल से स्नान कराया जाता है।