बिहपुर विधायक के गाड़ी द्वारा सड़क किनारे सब्जी बेचने वाले को मारा धक्का
यह घटना बिहार में विधायकों और उनके परिजनों की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है। भागलपुर के तिलकामांझी क्षेत्र में सड़क किनारे सब्जी बेचने वाले कैलाश मंडल को बिहपुर के विधायक इंजीनियर कुमार शैलेंद्र के गाड़ी ने धक्का मारा। दुर्घटना के समय गाड़ी में विधायक का बेटा और ड्राइवर मौजूद थे। इसके बाद न केवल दोनों लोग कैलाश की मदद करने से बचते रहे, बल्कि उसे सड़क पर छोड़कर फरार हो गए। यह घटना केवल दुर्घटना नहीं, बल्कि विधायक और उनके परिजनों की लापरवाही और संवेदनहीनता को भी दर्शाती है।
पीड़ित परिवार
वहीं, पुलिस प्रशासन की भूमिका भी इस घटना में सवालों के घेरे में है। जब कैलाश के परिजन एफआईआर दर्ज कराने के लिए तिलकामांझी थाने गए, तो थानेदार ने केस लेने से इंकार कर दिया और उन्हें बरारी थाने जाने के लिए कहा। प्रशासन का इस तरह से इधर-उधर घुमाना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। जब गरीबों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के मामलों को इस प्रकार से टालमटोल कर दबाया गया।
कैलाश मंडल जैसे लोग, जो रोजी-रोटी के लिए सड़क किनारे सब्जी बेचते हैं, उनकी जिन्दगी पहले से ही संघर्षमय होती है। ऐसे में जब उनके साथ कोई हादसा होता है, तो उन्हें विधायक या प्रशासन से उम्मीद होती है कि उनकी मदद की जाएगी। विधायक का बेटा और ड्राइवर घटनास्थल से भागकर अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते। यह घटना बताती है कि सत्ता और शक्ति का अभिमान कैसे संवेदनशीलता को खत्म कर सकता है।
कैलाश मंडल की अपेक्षा है कि उन्हें इस दुर्घटना के लिए उचित मुआवजा मिले। यह अपेक्षा न केवल न्यायसंगत है, बल्कि इसका समर्थन करना भी आवश्यक है। एक विधायक होने के नाते शैलेंद्र का यह दायित्व बनता है कि वे अपने बेटे की गलती के लिए क्षमा मांगें और कैलाश को मुआवजा दें। इस मुआवजे के जरिए न केवल उनकी चोटों की भरपाई होगी, बल्कि यह संदेश भी जाएगा कि जनता की भलाई और उसके अधिकारों की रक्षा में उनके प्रतिनिधि कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
यह घटना हमारे समाज और सरकार दोनों के लिए एक चेतावनी है। आम जनता के विश्वास को बरकरार रखने के लिए हमें चाहिए कि हमारे नेता और उनके परिजन ऐसी घटनाओं में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय दें। साथ ही पुलिस प्रशासन को भी अपनी भूमिका का सही तरीके से निर्वहन करना चाहिए ताकि गरीब जनता को न्याय मिल सके।