परबत्ता में आज से शुरू हुई तीन दिवसीय अखंड ज्योति कलश रथयात्रा

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गांव-गांव गूंजी आरती, भजन और आध्यात्मिक जयघोष

श्रवण आकाश, खगड़िया. अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में परबत्ता प्रखंड में शनिवार से तीन दिवसीय अखंड ज्योति कलश रथयात्रा का शुभारंभ श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक जागरण के संदेशों के साथ हुआ। 22 से 24 नवंबर तक चलने वाली यह रथयात्रा धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि समाज में नैतिकता, सकारात्मक सोच और जीवन मूल्यों के प्रसार का एक व्यापक अभियान मानी जा रही है। गायत्री प्रज्ञा पीठ, परबत्ता में पूर्व आयोजित बैठक में विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया गया था जिसके अनुरूप पहला दिन अनुशासित और भव्य रहा।

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शनिवार सुबह तेहाय गांव से रथयात्रा का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार, दीप प्रज्वलन, जय गायत्री माता और जय गुरुदेव के गगनभेदी जयघोष के बीच किया गया। पुष्पमालाओं से सजे रथ के साथ भजन-कीर्तन की टोली और प्रज्ञा परिजन आगे बढ़ते रहे। यात्रा के दौरान गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य तथा माता भगवती देवी शर्मा के विचारों और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया गया।

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युग सैनिक सुजीत कुमार और शशिभूषण कुमार ने बताया कि यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि नशामुक्ति, शिक्षा, नैतिकता, पर्यावरण संरक्षण और चरित्र निर्माण जैसे सामाजिक अभियानों को गति देने वाली लोकजागरण यात्रा है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार हमेशा से समाज में सकारात्मक परिवर्तन, संस्कार निर्माण और जागरूकता के लिए प्रतिबद्ध रहा है, और यह रथयात्रा उसी कड़ी को आगे बढ़ा रही है।

पहले दिन रथयात्रा तेहाय से महदीपुर, बंदेहरा, झंझरा, भरतखंड, भरसो, कुल्हड़िया होते हुए कर्ना पहुंची। प्रत्येक गांव में ग्रामीणों ने स्वागत द्वार, पुष्पवर्षा, सामूहिक आरती, दीपयज्ञ और भजन-कीर्तन के साथ रथयात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। पूरा वातावरण “हम बदलेंगे, युग बदलेगा”, “नशा छोड़ो–संस्कार अपनाओ” जैसी प्रेरक आवाज़ों से गुंजायमान रहा।

गायत्री परिवार के प्रखंड युवा संयोजक अनिल कुमार ने बताया कि रथयात्रा समाज में सजगता और सकारात्मकता फैलाने का सशक्त माध्यम है। युवा सह संयोजक अभय राज उर्फ राकेश ने कहा कि युवाओं को सही दिशा और सकारात्मक ऊर्जा देने में यह यात्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गायत्री परिवार परीजन व युवा प्रवक्ता श्रवण आकाश ने कहा कि यह रथयात्रा आध्यात्मिक चेतना, संयम, सदाचार, पारिवारिक सौहार्द और नैतिक मूल्यों को मजबूत आधार प्रदान करने का प्रयास है, जिससे समाज में एक स्वस्थ और संस्कारवान वातावरण निर्मित हो सके।

शनिवार को महिलाओं, युवाओं और बच्चों की बड़ी संख्या में सहभागिता देखी गई। कई गांवों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भजन-कीर्तन ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। रघुवीर कुमार, रामबालक राय, बबलू चौधरी, चंद्रशेखर चौरसिया सहित अनेक गायत्री परिजन और स्थानीय स्वयंसेवक रथयात्रा की सफलता में जुटे रहे। रविवार को यात्रा लगार से आरंभ होकर बिशौनी, चकप्रयाग, अगुवानी, डुमरिया बुजुर्ग और तेमथा होते हुए परबत्ता पहुंचेगी। अंतिम दिन कन्हैयाचक, नयागांव, कबेला, विष्णुपुर व अररिया गांवों का भ्रमण कर परबत्ता में भव्य सत्संग और समापन समारोह आयोजित होगा।

पहले ही दिन रथयात्रा ने पूरे क्षेत्र में उत्साह, आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक जागरण का अद्भुत संचार किया है। गांव-गांव में श्रद्धा की लहर दौड़ पड़ी है और लोग बड़ी संख्या में इस दिव्य अभियान से जुड़ने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं।

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