कोसी नदी में डूबे दो किशोर, अब तक लापता – परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

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बिहपुर/भवानीपुर: कोसी नदी की धार ने एक बार फिर दो मासूम जिंदगियों को निगल लिया। रविवार को गुवारीडीह स्थित सुलेश गेट के पास कोसी नदी में स्नान करने गए दो किशोर गहरे पानी में डूब गए और अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है। घटना की खबर जैसे ही फैली, पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और मृतकों के घरों में मातम पसर गया।

डूबे किशोरों की पहचान भ्रमरपुर वार्ड 12 निवासी पिंटू चौरसिया के 15 वर्षीय पुत्र दिलखुश कुमार और खगड़िया जिले के महेशखूंट बिचली टोला निवासी बाल्मीकि चौरसिया के 14 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार के रूप में हुई है। दिलखुश स्थानीय स्कूल में 10वीं का छात्र था, जबकि राहुल 9वीं में पढ़ता था और गर्मी की छुट्टियां बिताने अपने नाना सुबोध मोदी के घर भ्रमरपुर आया हुआ था।

कैसे हुआ हादसा?
रविवार की सुबह करीब 11 बजे दोनों किशोर साइकिल से घर से निकले थे। देर शाम तक जब वे वापस नहीं लौटे, तो परिजनों की चिंता बढ़ी और उनकी खोजबीन शुरू हुई। सोमवार की सुबह गुवारीडीह कोसी घाट पर एक साइकिल, कपड़े और चप्पल मिलने के बाद अनहोनी की आशंका और गहरी हो गई। मौके पर पहुंचे परिजनों ने वस्त्रों की पहचान की, जिससे नदी में डूबने की पुष्टि हुई।

SDRF और गोताखोरों की टीम तलाश में जुटी
मामले की जानकारी मिलते ही भवानीपुर और नदी थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। साथ ही एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीम को तैनात कर नदी में तलाशी अभियान चलाया गया। समाचार लिखे जाने तक दोनों किशोरों का शव बरामद नहीं हो सका था।

परिजनों का हाल बेहाल
घटना के बाद मृतक दिलखुश की मां बंदना देवी, पिता पिंटू चौरसिया (मजदूरी के सिलसिले में बाहर) और चार बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं राहुल की मां नूतन देवी, भाई-बहन, नाना-नानी एवं मामा गुलशन कुमार सदमे में हैं।

क्या बोले पुलिस अधिकारी?
भवानीपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार ने बताया कि बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट रविवार देर रात दर्ज की गई थी। पुलिस SDRF की मदद से तलाश में जुटी है। शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम कराकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी और पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता दी जाएगी।

गांव में पसरा मातम, आंखें नम – एक ही साथ बुझ गईं दो उम्मीदें

यह दर्दनाक घटना इलाके के लिए गहरा सदमा है। दो परिवारों की आंखों के तारे कोसी की गहराई में खो गए, जिनकी तलाश अब भी जारी है। गांव का माहौल गमगीन है और हर कोई परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ा नजर आ रहा है।

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