अटल तुम सचमुच अटल थे

प्यारेलाल साहू

अटल तुम सचमुच अटल थे।
सियासत के कीचड़ में खिले कमल थे।

माँ भारती के लाल बेमिसाल।
पोखरण परमाणु परीक्षण कर,
तूने कर दिया कमाल।

तुम झुके नहीं थके नहीं रूके नहीं ,
देश हो विदेश हो जहाँ कहीं.
सबको अपना लोहा मनवाया।
कारगिल पर तिरंगा लहराया।।

पक्ष विपक्ष के बीच रहे निष्पक्ष।
दूसरा नेता नहीं तुम्हारे समकक्ष।
राष्ट्र भक्ति राष्ट्र आराधन ही था,
तुम्हारे जीवन का एकमात्र लक्ष्य।

ओजस्वी वक्ता प्रखर राष्ट्र भक्त।
कमल सम कोमल बज्र सा सख्त।
हाजिर जवाबी के सब थे कायल।
शब्दों के तीर से कर देते थे घायल।

बढ़ाया विश्व में हिंदी का मान।
सहज सरल तनिक न अभिमान।
माता सरस्वती के अनुपम पुजारी।
नमन तुम्हें बार बार अटल बिहारी।

हिमालय भी लगता बौना,
तुम्हारे व्यक्तित्व के आगे।
तुमसा अनमोल रत्न पाकर,
भारत माता के भाग्य जागे।।

अटल जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

प्यारेलाल साहू

मरौद छ.ग.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *