राष्ट्रनिर्माता बापू

दुर्गेश मोहन

भारत के उन्नायक
कहलाए गांधी।
कभी नहीं वे डरते
चाहे हो आंधी।
गांधी जी स्वर्णिम स्वप्न
को किए थे साकार।
क्योंकि वे पुनीत कार्य को
बनाए थे आधार।
वे पुनीत कार्य थे
सत्य व अहिंसा।
जिसका पालन कर
भारत में जगी थी आशा।
आशा की किरणें प्रज्वलित कर
दिया स्वतंत्रता का नया आयाम ।
भारत स्वतंत्र होकर
कभी भी नहीं किया आराम।
अनेक महापुरुष शहीद हो गये
जिसमें थे मोहनदास करमचंद।
उनकी पत्नी थीं कस्तूरबा
और उनके पिता थे करमचंद।
गांधी जी राष्ट्रपिता और बापू बनकर
किए भारत साम्राज्य का विस्तार।
भारत का निर्माण और नाम रोशन कर
ये संसार में बिखेरे सुन्दर सुविचार।
गांधी जी थे पूजनीय
जीवन के आधार।
हिंदुस्तान को संवारने में
कभी नहीं माने हार।
गांधी जी थे सत्य_अहिंसा के अग्रदूत
ये थे लेखक,कवि व राष्ट्रनिर्माता।
सारे गुणों के थे आगर
भारतमाता के थे कर्ता।
गांधी जी थे जन _जन की पुकार
उन्हें लोग करते थे आदर।
उनकी कीर्ति अमर रहेगी
क्योंकि ये भारतवासी के दु़‌खों को
लेते थे हर।
30जनवरी1948 दुख की घड़ी
दुनिया में मची क्रंदन।
इस दिन ही गांधी जी का
हुआ था निधन।
गांधी जी के प्रशंसक
हो गए दुःख से विदीर्ण।
उनके देहावसान पश्चात भी
उनकी कीर्ति हो गई विकीर्ण।
दुर्गेश मोहन (शिक्षक)
समस्तीपुर, बिहार

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