बिहपुर। माह-ए-रमजान के तीसरे रोजे के मौके पर, बिहपुर जमालपुर वार्ड नंबर 13 की निवासी शहजादी खातून उर्फ रानी के 5 वर्षीय पुत्र खैरुलवड़ा उर्फ जानू ने अपने जीवन का पहला रोजा पूरी निष्ठा से रखा। इस रमजान माह में जहाँ मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा, नमाज, तरावीह, कुरआन की तिलावत और अन्य इबादतों में व्यस्त हैं, वहीं खैरुलवड़ा उर्फ जानू ने अपने छोटे से जीवन में इस विशेष अवसर पर रोजा रखकर एक नया कदम बढ़ाया।

जानू के पिता मोहम्मद सहादत और नाना मोहम्मद इबरार आलम ने बताया कि पिछले साल जानू बीमार हो गए थे, जिसके कारण वह रोजा पूरा नहीं कर पाए थे। लेकिन इस बार जानू ने न केवल रोजा पूरा किया, बल्कि वह पाँचों वक्त की नमाज भी अदा कर रहे हैं।
रमजान माह को इस्लाम में बेहद पवित्र माना जाता है, और इस माह में रोजा रखने की विशेष अहमियत है। यह माह न केवल बड़ों के लिए, बल्कि बच्चों के लिए भी एक महत्वपूर्ण समय होता है, जिसमें वे इबादत और धर्मिक कर्तव्यों को समझने की कोशिश करते हैं। इस दौरान मस्जिदों में बच्चों की भी भीड़ होती है, जो नमाज अदा करने के लिए आते हैं, और बच्चों में रमजान को लेकर विशेष उत्साह देखा जाता है।
आज रमजान का चौथा रोजा था, और पूरे इलाके में बच्चों द्वारा रोजा रखने और नमाज अदा करने का उत्साह बरकरार है।