भारत के दो रत्न

(भारत के दो रत्न )

लाल बहादुर शास्त्री तथा अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती पर एक रचना।

आज के दिन दो फूल खिले हैं, धन्य हुए सब हिन्दुस्तानी।
एक थे गांधी एक का नाम वीर लाल बहादुर स्वाभिमानी।

मुगलसराय और पोरबंदर में जन्में ये वीर महान।
एक का नारा अमन चैन दूजा स्वतंत्र देश की शान।

एक ने जय जवान जय किसान का नारा गुँजाया।
सत्याग्रह कर नगर नगर तिरंगा गाँधी ने फहराया।

गोली खा कर भी झंडा लाल किले पर लहराया।
हरित क्रांति का परचम लहरा, गोदामें भरवाया।

एक अफ्रिका का अमीर बैरिस्टर, नदी पार कर एक लाल पढ़ पाया।
एक का योगदान आजादी में, एक ने पाक सीमा आगे पैर बढ़ाया।

लगभग चालीस साल पहले चीन कैलाश मान सरोवर को खाना।
लाल की हुँकार सुन पाक को तोहे के चने चबाना।
लाल की हुंकार सुन पाक को तोहे के चने चबाना।।

पुष्पा निर्मल, बेतिया
बिहार

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