बरेली/पुवायाँ/शाहजहाँपुर
मिशन शक्ति के अन्तर्गत नवरात्रि के उपलक्ष्य में आॉनलाइन डिजिटल आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य गुरु जितेन्द्र कमल आनंद(रामपुर)ने की।मुख्य अथिति सुरेश बाबू मिश्रा (साहित्य भूषण,बरेली)रहे।
विशिष्ट अतिथि पुष्पलता जोशी ‘पुष्पांजलि’ हल्द्वानी,एवं पुष्पा जोशी प्रकाम्य ( उत्तराखंड ) रही।कार्यक्रम का शुभारंभ कवयित्री सीमा रानी (बरेली)की मधुर वाणी वंदना से हुआ।
कवयित्री प्रेमलता (बरेली),इन्द्रदेव त्रिवेदी (बरे़ली) ,सत्यपाल ‘सजग'(लालकुआँ),समीक्षा ठाकुर (बरेली),मृदुला गंगवार (बरेली),डा0 शालिनी शर्मा (बरेली), उमेश त्रिगुणायत (पीलीभीत)सहित तमाम साहित्यकार बंधुओं ने अपनी रचनाओं के माध्यम से मिशन शक्ति की आवाज़ बुलंद की।
कार्यक्रम के सह संयोजक प्रदीप वैरागी ने बताया कि कविताओं के माध्यम से कोरोना संकट की घड़ी में नवरात्रि पर माँ दुर्गा से यह विनती की गई कि संसार को इस भयंकर महामारी से मुक्ति का वरदान देकर दुनिया को अभय का वरदान दें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जनपद रामपुर के साहित्य गुरु जितेंद्र कमल आनंद ने कहा, “जो पिता से प्यार करतीं वो हमारी बेटियाँ।
बरे़ली की कवयित्री बीना आजाद ने कहा, “बेटी हर युग में छली गयी…
कार्यक्रम संयोजक चर्चित कवयित्री राजबाला धैर्य ने कहा, “क्यों धर्म-धर्म चिल्लाते हो किस धर्म ने बैर की बात कही।
नर में नारायण बसते है,मन में झाँको देखो तो सही।
बरेली की चर्चित कवयित्री सीमा रानी ने कहा, ” देवों ने किया विचार बनाई जगमाता
कम होगा अत्याचार बनाई जगमाता
चंदौसी की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ रीता सिंह ने कहा, “न मैं लक्ष्मी, न मैं दुर्गा
न देवी कोई महान हूँ
नारी रूप में इस धरती पर
मैं भी एक इंसान हूँ ।।
सितारगंज की पुष्पा जोशी प्राकाम्य ने कहा,”
उज्ज्वल मन,शुभ भाव प्रबल हों, शुचिता संग देना।
मां! वरदहस्त अपना हम सबके सिर पर रख देना।।
हल्द्वानी की कवयित्री पुष्पलता जोशी “पुष्पांजलि” ने कहा, “रणचंडी रूप धर,तू कलम धार ले ,
ज्यों जले अखंड दीप मां भवानी द्वार पे
तहस-नहस ध्वस्त हों दुष्ट दैत्य जगत् से
कृपा कर मांँ रुद्राणि !सब तेरे,बालक हैं।
सह संयोजक शाहजहाँपुर के चर्चित राष्ट्रवादी कवि और साहित्यकार प्रदीप वैरागी ने माँ दुर्गा से विनती करते हुए कहा,
“रक्तबीज के कारण मैया
व्याकुल दुनिया सारी।
कोरोना का अंत करो माँ करके सिंह सवारी।।
कार्यक्रम संयोजक कवयित्री राजबाला ‘धैर्य,ने माँ कालरात्रि की स्वरचित आरती “तेरी हो रही जय-जयकार जय हो माँ काली” के साथ आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का विधिवत समापन की घोषणा की ।