दक्षिण बिहार खेल परिषद की ऑनलाइन बैठक का हुआ समापन

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दक्षिण बिहार खेल परिषद की ऑनलाइन बैठक का हुआ समापन

अमरजीत सिंह भागलपुर संवाददाता

आज भारती शिक्षा समिति के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय दक्षिण बिहार खेल परिषद के समापन दिवस की ऑनलाइन बैठक भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सह सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
भारतीय शिक्षा समिति के प्रदेश सह सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान है और यह शिक्षा क्षेत्र में काम कर रही है। गैर सरकारी शिक्षा संस्थान में यह प्रथम स्थान पर है। मनन चिंतन शक्ति का प्रादुर्भाव है कि आज वटवृक्ष रूप में प्रस्तुत है। बालकों का सर्वांगीण विकास हो इस हेतु सतत प्रयासरत है। केंद्रीय आधारभूत विषय के पांच विषयों में पहला विषय विद्या भारती में शारीरिक शिक्षा है। विद्या भारती के लक्ष्य में भी बालकों हेतु पंचकोषीय विकास है। शरीर स्वस्थ है सबल है तभी कोई कार्य कर सकता है। पूरे देश में शारीरिक शिक्षा का एक पाठ्यक्रम बनाकर विद्या भारती कार्य कर रही है। पांचों दिन के इस शारीरिक प्रशिक्षण में लगा कि अमृत वर्षा हो रही है। खेल के मैदान में बालक की सफलता मजबूत होती है ,निडरता सिखाता है, सजगता सिखाता है, बंधुत्व की भावना सिखाती है। खेल अनुशासन का अनूठा उदाहरण है। आज्ञा पालन भी खेल से सीखते हैं। देशभक्ति का भाव खेल से प्रकट होती है। नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। यह प्रशिक्षण वर्ग तभी सार्थक होगा जब हमने जो ज्ञान और तकनीकी सीखा है उसे अपने क्षेत्र में ,विद्यालय में प्रयोग में लाना है। विद्यालय में खेल का, पोस्टिक आहार का एवं स्वस्थ रहने के लिए जो गाइडलाइन है उसका पोस्टर विद्यालय में लग जाए। अगर जीवन में स्वस्थ रहना है तो जीवन भर योग अपनाना होगा क्योंकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। कबड्डी बहुत बड़ी पारंपरिक खेल का उदाहरण है। कबड्डी का उद्भव स्थल भारत है ।राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने में हमें सहयोगी बनना है।
भारती शिक्षा समिति खेल परिषद के सह संयोजक सुनील कुमार सिंह ने कहा आज का विषय कबड्डी है ।कबड्डी खेलने के लिए शरीर में स्फूर्ति और चपलता की जरूरत होती है। कबड्डी खेल मैदान में खेले जाने वाले सबसे अच्छा खेल है। हम सभी को यह खेल खेलना चाहिए। कबड्डी खेल हमारी सेहत को अच्छा बनाए रखता है साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियों से भी डटकर मुकाबला करना सिखाता है। कबड्डी भारत का सबसे प्राचीन खेल है ।खिलाड़ी को योग प्राणायाम आसन करना जरूरी है। कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर पर 12 खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 14 खिलाड़ी की टीम होती हैं जिसमें 7 खिलाड़ी एक टीम में खेलता है। सर्वप्रथम उनके द्वारा कबड्डी का कोर्ट बनाने बताया गया। कबड्डी खेल के नियम एवं निर्णायक के करणीय कार्य तथा बालकों हेतु खेल के नियम को उनके द्वारा आज स्लाइड के माध्यम से सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का प्रारंभ प्रधानाचार्य मिथिलेश ठाकुर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। संचालन संगीता कुमारी ने किया एवं अतिथि परिचय भारतीय शिक्षा समिति के प्रांतीय खेल प्रमुख फणीश्वर नाथ द्वारा किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के खेल प्रमुख ब्रह्मदेव प्रसाद द्वारा किया गया।
इस अवसर पर भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सह सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा,विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के खेल प्रमुख ब्रह्मदेव प्रसाद, प्रांतीय खेल प्रमुख फणीश्वर नाथ, भारती शिक्षा समिति खेल परिषद के सह संयोजक सुनील कुमार, राकेश पांडे, चंद्रशेखर कुमार, वीरेंद्र किशोर राय,विनोद कुमार, जितेंद्र प्रसाद, सुमित रौशन ,अविनाश कुमार, संजय सुमन ,संजय मिश्रा ,कुमार विजय रंजन, रामचंद्र मंडल ,जितेंद्र लाल, संगीता कुमारी, मोनिका भारती, रिंकू कयाल एवं दक्षिण बिहार में चलने वाले सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के शारीरिक आचार्य उपस्थित थे।

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