बैसा गांव स्थित अतिप्राचीन कार्तिक मंदिर में 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ को लेकर निकाली गई भव्य कलश शोभायात्रा, भक्तिमय बना माहौल

श्रवण आकाश, खगड़िया

खगड़िया जिला अंतर्गत परबत्ता प्रखंड के बैसा गांव के अतिप्राचीन कार्तिक मंदिर परिसर में 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ को लेकर निकाली गई भव्य कलश शोभायात्रा। प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त आयोजन को लेकर 301 कुंवारी कन्याओं द्वारा उत्तर वाहिनी अगुवानी गंगा घाट तट से गंगा स्नान के उपरांत नियमत: पूजा पाठ कर माथे पर कलश रख आयोजन स्थल के लिए रवाना हुई। वही कलशयात्रा के दौरान भक्तिमय माहौल बनी हुई थी। जहां मौजूद कार्यकर्ताओं व ग्रामीण युवाओं द्वारा जय श्री राधे कृष्णा के जमकर नारे और संगीतमय प्रस्तुति के द्वारा भक्तिमय माहौल बनी हुई नजर आई।

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बताते चले कि उक्त आयोजन में जहां वृंदावन से आई कथावाचिका किशोरी कृष्ण नंदनी जी ने उक्त आयोजन को लेकर बताया कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य हिंदू सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना, अन्य धर्मावलंबियों लोगों को भी हिंदू धर्म के प्रति जागरूक करने तथा युवाओं, बुजुर्गों सभी लोगों को अपने धर्म को समझाना और सदमार्ग को अपनाकर हिंदू सनातन धर्म पर चलने के साथ ही साथ लोगों को हिंदू सनातन धर्म की गुर रहस्य की जानकारी देने कि हमारा कर्म क्या है, किस मार्ग पर सदमार्ग पर कैसे चलने चाहिए आदि बातों की जानकारियां दी जाएगी। जबकि वहीं मौजूद मंच संचालक योगी राज, मिथलेश शरण, मुखिया प्रतिनिधि शिव यादव, रंजीत कुमार, पप्पू मंडल, निरंजन गोस्वामी आदि ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से कलयुग के पांच प्रकार के महापापों का भी समूल नाश हो जाता है।

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श्रीमद् भागवत कथा के गायन अथवा श्रवण से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह व्यक्ति बैकुंठ धाम जाने का अधिकारी बन जाता है। उन्होंने कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि भागवत शास्त्र का आदर्श दिव्य है। भागवत कथा घर में रहते हुए ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग बताता है। भागवत कथा का अमृत पीने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है और जीव पवित्र होता है। श्रीमद्भागवत महा पुराण मानव मन का मंथन कर आनंद की अनुभूति कराता है। मौके पर जगदीश मंडल, जयप्रकाश मंडल, मदन प्रसाद, भुषण पोद्दार, मनीष कुमार समेत सैकड़ों लोगों की मौजूदगी देखी गई।

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