डीएम की हत्या के दोषी बाहुबली आनंद मोहन नीतीश-लालू के लिए कितना फायदेमंद?

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गोपालगंज के जिलाधिकारी रहे जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन की रिहाई पर दिल्ली से बिहार तक सियासी बवाल मचा है. नीतीश सरकार आनंद मोहन के बचाव में फ्रंटफुट पर है और इसे कानूनन सही बता रही है. आनंद मोहन की रिहाई पर बीजेपी के नेता भी विरोध और पक्ष को लेकर कन्फ्यूज हैं.बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह रिहाई को सही ठहरा रहे हैं, जबकि सुशील मोदी नीतीश सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.इसी बीच दिवंगत जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है. उमा देवी का कहना है कि सरकार राजपूत वोटों के लिए यह सब कर रही है. उन्होंने नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल उठाते हुए कहा- एक ईमानदार अफसर की हत्या करने वाले को छोड़ा जा रहा है, इससे हम समझते हैं कि न्याय व्यवस्था क्या है?
आनंद मोहन को जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा मिली थी. सजा पूरी करने के बावजूद बिहार सरकार के एक कानून के चलते जेल आनंद जेल से रिहा नहीं हो पा रहे थे. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर उनके समर्थक लगातार मुखर थे. जुलाई 2022 में आरजेडी और जेडीयू की सरकार बनने के बाद से ही रिहाई को लेकर माथापच्ची हो रहा था.

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