श्रवण आकाश, पटना, बिहार, हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता धर्मेंद्र का आज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 89 वर्षीय धर्मेंद्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके जाने की खबर से फिल्म जगत और देशभर के प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर हर कोई बस एक ही बात कह रहा है — “धरम पाजी अमर हैं।” छह दशकों तक परदे पर राज करने वाले धर्मेंद्र को लोग प्यार से ‘ही-मैन ऑफ बॉलीवुड’ कहते थे। उन्होंने शोले, चुपके चुपके, धरम वीर और अनुपमा जैसी फिल्मों से अभिनय की मिसाल कायम की। “बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना” — यह संवाद आज भी उनकी आवाज़ में गूंजता है। उनके अंदर का जोश, चेहरे की मासूमियत और दिल की सादगी ने उन्हें हर वर्ग का चहेता बना दिया। वे रोमांस, एक्शन और कॉमेडी – हर अंदाज में दर्शकों के दिलों पर छाए रहे।

पंजाब के लुधियाना में जन्मे धर्मेंद्र का फिल्मी सफर एक सपने जैसा रहा। छोटे कस्बे से निकलकर उन्होंने मुंबई में नाम, शोहरत और सम्मान कमाया। “मैं जब तक सांस लूंगा, अभिनय करता रहूंगा” – ये उनके शब्द थे, जो आज सच साबित हुए हैं। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में काम किया और हर किरदार में दिल से उतर जाने वाली सादगी दिखाई। हेमा मालिनी के साथ उनकी जोड़ी ने पर्दे पर अमर प्रेम कहानियाँ रचीं।

धर्मेंद्र न सिर्फ एक अभिनेता थे, बल्कि भारतीय सिनेमा की जीवंत आत्मा थे। उनके अभिनय में जज़्बातों की सादगी और दिल की सच्चाई झलकती थी। चाहे शोले में वीरू की शरारत हो या सत्यकाम का गंभीर दर्शन, उन्होंने हर किरदार में इंसानियत की गर्माहट भरी। उनकी आंखों में एक अलग चमक थी, जो दर्शकों को अपनेपन का एहसास कराती थी। फिल्मों से इतर, धर्मेंद्र का जीवन भी सादगी और संस्कारों से भरा रहा। वे अपने प्रशंसकों से परिवार की तरह मिलते और कभी स्टारडम को सिर पर नहीं चढ़ने देते। सनी देओल और बॉबी देओल में आज भी उनका वही जज्बा और ईमानदारी दिखाई देती है। उनके निधन से बॉलीवुड के एक ऐसे अध्याय का अंत हुआ है, जिसने सिनेमा को नई ऊंचाई दी। पर सच यही है कि धरम पाजी जैसे लोग कभी जाते नहीं — वे यादों, संवादों और हर मुस्कान में ज़िंदा रहते हैं।धर्मेंद्र के जाने से बॉलीवुड का एक स्वर्णिम युग खत्म हो गया। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भावुक होकर कहा, “धरम जी सिर्फ एक अभिनेता नहीं, एक एहसास थे।” मंगलवार को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। धरम पाजी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके डायलॉग, मुस्कान और अदाएं हमेशा ज़िंदा रहेंगी। सच कहा गया है – “हीरो वो नहीं जो परदे पर लड़ता है, हीरो वो है जो दिलों में बसता है।”

