गुरुवार को बिहपुर प्रखंड के टायसम भवन में पंचायत समिति की सामान्य बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रमुख रीमा देवी ने की और संचालन बीडीओ तनु कुमारी ने किया। बैठक में प्रखंड स्तरीय विकास योजनाओं और वित्तीय वर्ष 2025-26 के कार्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई। हालांकि, बैठक के दौरान कई अहम मुद्दे उठाए गए, जिनमें सदस्यों का रोष, लंबित समस्याएँ और प्रशासन की उदासीनता प्रमुख रहीं।
पुराने प्रस्तावों का क्रियान्वयन बना सवाल
सदस्यों ने पूर्व बैठक में लिए गए प्रस्तावों के क्रियान्वयन और अनुपालन की जानकारी मांगी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे नाराज होकर सभी पंचायत समिति सदस्यों और मुखियाओं ने बैठक की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि यदि प्रस्तावों का पालन नहीं होता, तो बैठक का कोई औचित्य नहीं बचता।
बाढ़ राहत के नाविकों की मजदूरी भुगतान पर सवाल
हरियो पंचायत के पंसस ने 2022 की कोसी बाढ़ का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान सरकारी नाव का परिचालन तो कराया गया, लेकिन नाविकों को उनकी मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं किया गया। इस पर भी प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
घूसखोरी और अतिक्रमण का मुद्दा
पंसस ललन मंडल ने अंचल कार्यालय में घूसखोरी का मुद्दा उठाया। सीओ लवकुश कुमार ने इस पर तुरंत कार्रवाई का आश्वासन देते हुए साक्ष्य मांगे।
झंडापुर पश्चिम के वार्ड सदस्य ने पंचायत के उप-स्वास्थ्य केंद्र तक जाने वाले रास्ते को चौड़ा करने की मांग की। उन्होंने बताया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के कारण रास्ता संकीर्ण हो गया है, जिससे स्वास्थ्य केंद्र का संचालन बाधित हो रहा है।
स्मैक और चोरी पर सख्त कार्रवाई की मांग
सभी सदस्यों ने प्रखंड में बढ़ते स्मैक के चलन और चोरी की घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने स्मैक पैडलरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने और बढ़ती चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की।
गैस कनेक्शन में गड़बड़ी का मुद्दा
उप-प्रमुख एनामुल ने आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस कनेक्शन के मुद्दे को उठाया। उन्होंने पूछा कि बिहपुर की गैस एजेंसी के बजाय अन्य प्रखंड की एजेंसी से गैस कनेक्शन क्यों कराया गया। इस पर सीडीपीओ मीना कुमारी को लिखित जवाब देने को कहा गया।
विभिन्न विभागों पर चर्चा और समाधान की मांग
बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, आपूर्ति, मनरेगा, पीएचईडी समेत कई विभागों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन से ठोस कार्रवाई और समाधान की मांग की।
उपस्थित गणमान्य
बैठक में बीपीआरओ काजल कुमारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी रजनी प्रिया, जीविका बीपीएम अरुण कुमार भारती, एमओ सचिन कुमार, और प्रखंड कृषि लेखापाल धीरज कुमार सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
निष्कर्ष
यह बैठक भले ही विकास कार्यों की योजना के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन इसमें पुराने प्रस्तावों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता जैसे गंभीर मुद्दे उभरकर सामने आए। अब देखना होगा कि प्रशासन इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।