भागलपुर जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र में जुलाई 2024 में हुए सुमन कुमार हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। इस हत्या का कारण न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि पारिवारिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटना का क्रम
22 जुलाई 2024 की रात, साहु परबत्ता दियारा मोगली टोला निवासी सुमन कुमार अपने दोस्त लवकुश कुमार के साथ बाइक पर निकला, लेकिन फिर घर नहीं लौटा। 25 जुलाई को सूचना मिली कि महादेवपुर दियारा के घोरैया क्षेत्र में एक शव पड़ा है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान सुमन कुमार के रूप में की। मृतक के पिता अरुण मंडल ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर परबत्ता थाना कांड संख्या-126/24 के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांच और खुलासा
तकनीकी और मानवीय साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने जांच को अंजाम दिया। 27 दिसंबर 2024 को मुख्य आरोपी अजीत यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान अजीत ने बताया कि उसकी बहन और सुमन कुमार के बीच संबंध थे, जो उसे मंजूर नहीं था।
हत्या की वारदात
22 जुलाई की रात, सुमन कुमार अजीत के घर आया था। गुस्से में अजीत ने सुमन को गोली मार दी। हत्या के बाद शव को महादेवपुर दियारा के घोरैया इलाके में फेंक दिया गया। इस अपराध में उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे।
वर्तमान स्थिति
मुख्य आरोपी अजीत यादव (पिता- खीरो यादव उर्फ अखिलेश यादव, निवासी- छोटी परबत्ता) पुलिस की गिरफ्त में है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
क्षेत्र में प्रभाव
इस हत्याकांड से परबत्ता और दियारा क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। लोगों के बीच रिश्तों की मर्यादा और बढ़ती असहिष्णुता पर चर्चा हो रही है।
सवाल और सीख
यह घटना सवाल उठाती है कि क्या गुस्से और बदले की भावना रिश्तों और मानवता से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है? ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सामाजिक संवाद और पारिवारिक मूल्यों पर जोर देना आवश्यक है।
न्याय की प्रतीक्षा
परिवार और क्षेत्र के लोग न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि सभी दोषियों को जल्द ही कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।