मधेपुरा जिले के चौसा और आसपास के कोसी क्षेत्र में भू-माफिया सक्रिय हैं, जिनकी मिलीभगत अमीन के साथ बताई जा रही है। बिहपुर प्रखंड के कई किसान इन भू-माफिया और अमीन के गठजोड़ से परेशान हैं। इस संबंध में किसानों ने भागलपुर और मधेपुरा के अधिकारियों को आवेदन देकर मामले की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
यह मामला तब सामने आया जब झंडापुर के शिव कुमार चौधरी, पवन चौधरी और राजेश कुमार जैसे भू-स्वामियों को पता चला कि उनकी विशनपुर, टेकना, चौसा के डुम्मर और मोरसंडा की 1967 में खरीदी गई जमीन को भू-माफिया बेचने की कोशिश कर रहे हैं। यह जानकारी उन महादलित परिवारों ने दी, जो उनकी जमीन पर सुअर पालन का काम करते हैं।
भू-स्वामियों ने बताया कि खरीक प्रखंड के नरकटिया के पृथ्वीचंद राय और हीयालाल राय ने 11 नवंबर 1967 को खाता संख्या 1242, 1244, और 1245 की पूरी जमीन झंडापुर के वशिष्ट नारायण चौधरी, महेश्वरी चौधरी, शिव कुमार चौधरी और पवन चौधरी को बेची थी। इस जमीन का म्यूटेशन भी उनके नाम पर दर्ज है, और वे अब तक की रसीदें और दखल रखे हुए हैं।
हालांकि, जमीन की बिक्री के बावजूद विक्रेता के खसरे में जमीन का वही रिकॉर्ड बना हुआ है, जिसका लाभ उठाकर विक्रेता के एक वंशज ने अमीन और भू-माफिया के साथ मिलकर जमीन बेचने की साजिश की है।
कर्मचारी राम कुमार ने बताया कि ऐसी गतिविधियां कानून के विरुद्ध हैं। एक बार जमीन की केवाला रजिस्ट्री होने के बाद रजिस्टर टू और खतियान वर्तमान रैयत के नाम पर होता है। अगर पोर्टल पर अभी भी जमीन पुराने रैयत के नाम पर दिख रही है तो यह तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है। सीओ लवकुश कुमार ने कहा कि अगर ऐसी शिकायतें मिलती हैं, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है।