नवगछिया स्थानीय घाट ठाकुरवाड़ी में श्री रामचरितमानस नवाह पारायण एवं श्री राम कथा की अमृत वर्षा के 49 बॉ वार्षिकोत्सव मे राम कथा के अंतिम दिन कथा सुनने को उमरे राम भक्त राम कथा के अंतिम दिन प्रयागराज से आए स्वामी विनोदानंद सरस्वती ने कहा जो भाग्य में लिख कर आए हैं वह जरूर मिलेगा। वह कहीं नहीं जाएगा हमें भगवान पर विश्वास करना चाहिए भगवान कहते हैं जग में विश्वास मत करो मेरे में विश्वास करो जो भगवान का भजन करें वह तो भाग्यशाली है। लेकिन भगवान जिसका भजन करें उससे बड़ा भाग्यशाली कौन है। भगवान की कथा सावधान होकर सुनोगे तो कल्याण हो जाएगा। और मन में धारण करो तो कल्याण हो जाएगा जो राम कथा सुने वही संत है जिसको देखते ही श्री राम की याद आ जाए वही संत हैं। हमारा अपना जीवन उतना ही है जितना हम सत्संग पूजा करने में लगाते हैं। जो भगवान से नहीं जुड़े उनका जन्म निरर्थक है जो दूसरे का बंधन खोलता है उसका बंधन स्वयं भगवान खोलते हैं। जब हम दुनिया वाले सोते हैं तब महात्मा जागते हैं हम दुनिया वाले बाहर से देखते हैं परमात्मा अंदर से देखते हैं। जीवन को कोई धोखा देने का काम करता है तो वह मानव ही है। बोल बोल कागा मेरे राम कब आएंगे …तेरे संग संग रहेंगे ओ मोहना.. मतलब की यारी मतलब की नारी मतलब की दुनिया है गिरधारी.. ना हम किसी के ना कोई हमारा झुठे जगत से किया है किनारा….रामा रामा रटते रटते बीते रे उमरिया आदि भजनों पर राम भक्त खूब झूमे कथा के अंतिम दिन विनोदानंद ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा की आज सबो में इतनी राम भक्ति देख कर काफी मन पसंद हो रहा है।
लगातार 49 साल से नवगछिया में राम कथा का रसपान राम प्रेमी कर रहे हैं स्वामी द्वारा सभी आयोजित कर्त्ता को धन्यवाद दिया गया। सोशल मीडिया प्रेस मीडिया को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रचार प्रसार से भगवान का नाम दूर-दूर तक फैला जिससे यहां हो रहे राम कथा में लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती रही। और उनके द्वारा यह आयोजन काफी सफल पूर्वक संपन्न हुआ आयोजन कर्त्ता ने स्वामी को वस्त्र देकर सम्मानित किया। कथा के अंतिम दिन स्वामी एवं राम भक्तों की आंख भर आई क्योंकि लगातार आठ दिनो तक कथा का श्रवण कर रहे थे और आज कथा का अंतिम दिन था। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष दिनेश सरार्फ, उपाध्यक्ष बनवारी लाल पंसारी , सचिव शिवनारायण जयसवाल , कोषाध्यक्ष शरवन केडिया , मिडिया प्रभारी अशोक केडिया , विनीत खेमका , विशाल चिरानिया , किशन यादुका , संतोष भगत , प्रवीण भगत राजेश भगत , अरुण यादुका ,
कैलाश चिरानियाँ , शंकरलाल चिरानियाँ , अनिल भगत , अनिल चिरानियाँ , अजय भगत आदी लगे हुए थे।