विद्यालय की स्थिति को देख दंग रह गए पंचायत प्रतिनिधि राहुल कुमार (मुखिया)
श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत खीराडीह पंचायत के कन्या मध्य विद्यालय, श्रीरामपुर ठूठ्ठी में विद्यालय प्रभार द्वारा विद्यालयी विधि व्यवस्था में अनियमितता और असमाजिक तत्वों द्वारा विद्यालयी छात्राओं के साथ बहसबाजी आदि कई मामले प्रकाश में आईं हैं। जिसको लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों हलचली माहौल बन गई हैं। जिसके पश्चात खीराडीह पंचायत के युवा मुखिया राहुल कुमार ने सुचना मिलते हीं फौरन औंचक निरिक्षण करने कन्या मध्य विद्यालय, श्रीरामपुर ठूठ्ठी पहुंचा जहां उपस्थित प्रधानाध्यापिका मीरा चौधरी, शिक्षिका संध्या कुमारी, सुंदरता कुमारी, कुमारी इंदिरा सहित रसोइया और छात्र छात्राओं से पुछताछ किया। जहां पोषाहार में अनियमितता, शिक्षा गुणवत्ता में कमी, विद्युतीकरण सामग्री जैसे पंखा बल्व आदि में अनियमितता आदि की बातें सामने आईं। जिसपर विद्यालय प्रधानाध्यापिका मीरा चौधरी ने शिक्षा विभाग को दोषी ठहरा अपना पल्ला झाड़ते नजर आईं। इसके साथ ही साथ विद्यालय की छात्राओं और शिक्षिकाओं द्वारा गांव के कुछ गिने चुने असामाजिक तत्वों द्वारा विद्यालयी विधि व्यवस्था को भंग करने और विद्यालय आवागमन के दौरान बहसबाजी करने की बातें भी सामने आई, जिसपर खीराडीह पंचायत के मुखिया राहुल ने कहा कि बहुत जल्द छात्राओं के अभिभावकों से बात कर सभी असामाजिक तत्वों की पहचान कर उसपर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कठोर से कठोर कार्रवाई कार्रवाई कराई जाएगी। धैर्य रखिए बहुत जल्द सभी असमाजिक तत्वों की पड़ेशानी दुर कर शिक्षा विभाग द्वारा अविलंब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देने वाले शिक्षकों और अनियमितता बरतने वाले प्रधानाध्यापिका पर भी शिक्षा विभाग से और परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार से कहकर उचित कार्रवाई करा अविलंब सुधार की जाएगी।

वहीं मौजूद कन्या मध्य विद्यालय की अंग्रेजी और गणित विषय की शिक्षिका संध्या कुमारी ने बताई कि विद्यालय में तीन शिक्षिका की संख्या मात्र तीन होने के कारण मात्र तीन घंटी में तीन हीं विषयों की पढ़ाई होंती हैं। उसके बाद बच्चों को छुट्टी दे दी जाती हैं। इतना हीं नहीं एक महीना बीत जाने पर भी विद्यालय के क्लास रूम की पंखा रहने के बावजूद भी ठीक नहीं कराया जा रहा हैं। साथ ही साथ पोषाहार में भी बराबर खराबी नजर आती हैं। जिसपर सुधार नहीं किया जाता हैं। आगे बच्ची की बात जानिए – पुछिए हम ज्यादा नहीं बतायेंगे। मैं जुनियर शिक्षिका हुं मुझे पड़ेशानी हों सकती हैं।

वहीं इस मामले पर शिक्षिका कुमारी इंदिरा और सुन्दरता कुमारी ने भी विद्यालयी विधि व्यवस्था में अनियमितता को लेकर कई बातें बताते हुए, खासकर विद्यालय में कमरे की संख्या में घोर कमी और ग्रामीण असमाजिक तत्वों द्वारा विद्यालय आवागमन में बहसबाजी करने और छात्राओं के साथ भी बहसबाजी करने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। इसके साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि हम लोगों को पढ़ाने की बहुत मन होती हैं, घर से सोचकर चलते हैं कि आज छात्राओं को ये नया कुछ बतायेंगे कल वो बचायेंगे, लेकिन यहां कि स्थिति और माहौल देख मुड आफ हों जाती है सही मायने में पढाई नहीं दे पाते हैं। अंततः यहां कि समस्या को देख तंग आकर कई बार अभिभावकों को भी बताई और कुछ पंचायत प्रतिनिधियों को भी लेकिन कोई निदान नहीं हो पाई हैं।

वहीं विद्यालय कक्षा में उपस्थित छात्रा सुप्रिया कुमारी, चाहत कुमारी, मोनी कुमार और छात्र आशुतोष कुमार, सन्नी कुमार, प्रितम कुमार आदि ने बताया कि यहां सिर्फ तीन घंटी हीं पढ़ाई होती हैं। जबकि पाठ्य पुस्तक आधी दर्जन से अधिक हैं। अर्थात तीन विषयों को छोड़ बांकी विषयों की पुस्तकें बेकार घर में रखीं रहतीं हैं। इसके साथ ही साथ विद्यालय पोषाहार में भी बराबर घटिया से घटिया चावल बनाने को लेकर भी कई बार प्रभारी मैडम से कहता आ रहा हूं, लेकिन कोई सुधार नहीं की जाती हैं। सड़ा हुआ केला भी बराबर वितरण के दौरान नजर आती हैं। तो मैडम कहती हैं कि खाना है तो खाओ अन्यथा चले जाओ। अंततः बैठने खातिर भी समुचित व्यवस्था नहीं कराई गईं हैं।