नवगछिया: जदयू के मुख्य प्रवक्ता रवि ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को बिहार सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया है. उन्होंने कहा कि यह गरीब विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. गरीब परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके बच्चे डिप्लोमा, इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, मीडिया इत्यादि के क्षेत्र में पढ़ाई कर सकेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर 2016 को इस योजना की शुरुआत वैसे परिवार को ध्यान में रखते हुए किया जिसके बच्चे मेधावी तो थे किंतु आर्थिक स्थिति रूप से आगे की पढ़ाई के लिए सक्षम नहीं थे. साथ ही बिहार का ग्रास इनरोलमेंट औसत राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत से भी कम 13.9 प्रतिशत है जिसे बिहार सरकार ने 30 प्रतिशत तक पहूंचाने का लक्ष्य रखा है. इस योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम 4 लाख तक की राशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है जिसके कारण अब गरीब के बच्चे भी इंजीनियरिंग,मेडिकल, मैनेजमेंट, मीडिया इत्यादि क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे है. खास बात है कि पढ़ाई के दौरान और कोर्स समाप्ति के उपरांत एक वर्ष तक किसी भी तरह का ब्याज देय नहीं है और उसके बाद साधारण ब्याज लड़कों के लिए 4 प्रतिशत वार्षिक और लड़कियों व दिव्यांगों के लिए 1 प्रतिशत वार्षिक है. इस योजना का लाभ निडर होकर विद्यार्थियों को लेना चाहिए क्योंकि गारंटर स्वयं बिहार सरकार है और इस शिक्षा ऋण की वापसी आसान किस्तों में तभी करनी है जब आय की स्थिति होगी अन्यथा यह राशि माफ कर दी जाएगी. इस योजना के माध्यम से बिहार में सरकार द्वारा चिन्हित और देश के राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा ए ग्रेड रैंक प्राप्त काॅलेजों में पढ़ाई करने पर इस योजना का लाभ मिल सकता है. इस योजना को गति देने के लिए शिक्षा वित्त निगम की स्थापना की गई है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार भागलपुर जिले में अक्टूबर 2016 से 9 मार्च 2022 के बीच 7159 विद्यार्थियों ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लिया है. इसके लिए 123.70 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है जिसमें लगभग 62 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है. स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत 11920 विद्यार्थियों को लगभग 14 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है. वहीं कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 38072 विद्यार्थियों ने कंप्यूटर और व्यवहार कौशल का मुफ्त प्रशिक्षण लिया है.
उच्च शिक्षा में अब पैसा नहीं है बाधा: रवि कुमार ।। Inquilabindia
