जयरामपुर के निवासी जल जमाव के कारण नर्क जैसी जिंदगी जी रहे हैं। यह स्थिति उनके लिए दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। गाँव के कई हिस्सों में जल जमाव की समस्या इतनी बढ़ गई है कि लोगों के घरों में पानी घुस आया है। सड़कों पर पानी भरने के कारण लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
गाँव की गलियों में पानी भरा हुआ है, जो कि गंदगी और बीमारियों को बढ़ावा देता है। पानी की निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण, जल जमाव कई दिनों तक बना रहता है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता इस स्थिति को और भी भयावह बना देती है। लोगों का कहना है कि कई बार समस्याओं को लेकर शिकायतें दर्ज करवाई गईं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पंचायत के मुखिया और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों की इस उदासीनता ने ग्रामीणों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों का मानना है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के समय वादे तो बहुत करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अपने वादों को भूल जाते हैं। जल जमाव की समस्या को हल करने के लिए कोई भी ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है।
वास्तव में जल जमाव की समस्या को हल करने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। नालों बनाना और जल निकासी के लिए प्रभावी योजनाओं को लागू करना बहुत जरूरी है। वहीं ग्रामीण रविशंकर, शुभम, रत्नेश कुमर सहित दर्जनों ग्रामीण ने नेता और अधिकारी पर आक्रोश जताया..
वर्तमान में जयरामपुर के निवासी जल जमाव की समस्या से जूझ रहे हैं और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से निराश हैं। उन्हें इस बात की उम्मीद है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि जल्द ही इस समस्या का समाधान करेंगे ताकि वे सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकें। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जयरामपुर के निवासी इस जल जमाव से निजात पा सकें और अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकें।