श्रवण आकाश, ब्यूरो रिपोर्ट खगड़िया खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखण्ड अंतर्गत चकप्रयाग गाँव निवासी रौशन राय ने अपने पिता स्वर्गीय असतानंद राय के ग्यारहवीं पुण्यतिथि पर दो दिवसीय प्रेमानंद संकीर्तन गोष्ठी का भव्य आयोजन कराया । इतना ही नहीं इस आयोजन को पुण्यतिथि समारोह के साथ ही साथ प्रेमानंद संकीर्तन गोष्ठी की 24 वीं वर्षगांठ समारोह के भी रुप में मनाया। जिसमें मुख्य अतिथि सह प्रवचन कर्ता श्री श्री 108 श्री मधुसुदन जी महाराज (श्री अवध धाम) ने अपने प्रवचन के माध्यम से बताया कि राम नाम का शब्द बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था सभी अवस्था या जीवन के सभी मुख्य कार्य जैसे बधैया, शादी, मुंडन, गृहप्रवेश और मृत्यु आदि के वक्त राम नाम की हीं चर्चा होती है। अर्थात प्राचीन काल से अब तक राम नाम की हीं गुंजायमान व उपयोग होती है तो क्यों ना हमलोग इस राम नाम की शक्ति को जान अपनी धर्म की रक्षा के साथ ही साथ अपना सुखमय जीवन राम की भक्ति व चरण में ब्यतीत करें। इतना ही नहीं इन्होंने बिहार के संविधान सभा में शामिल वैसे मंत्री नेता जो भारत माता की जिंदाबाद बोलने में शर्म करते हैं और सभा के बाहर चले जाते हैं ऐसे लोगों को देशद्रोही भी बताया।

वही पर कथा वाचिका के रूप में मौजूद सुश्री संजु साध्वी ने बताया कि सत्संग ऐसा बदलाव की जगह है जहाँ कौआ भी आने के बाद बगुला और बगुला हंस बन जाता है, तो क्यों ना हम मानव सत्संग में राम नाम की सच्ची साधना व सच्चे मन से राम रस का पान करें तो अधिकांशतः मानव के पास से खोई हुई मानवता भी, ईमानदारी के साथ ही साथ सुखमय जीवन जीने की कला क्यों नहीं आ सकती।
वही मौजूद प्रेमानंद संकीर्तन गोष्ठी के संस्थापक सह संरक्षक श्री रविन्द्र झा ने सभी अतिथियों सह संत प्रेमियों का अभिवादन माल्यार्पण कर व राम नाम की जायकारे के साथ किया।
अंततः इस कार्यक्रम के आयोजक सह उद्घोषक रौशन राय ने अपने परमपूज्य पिता स्वर्गीय असतानंद राय के विभिन्न यादों का बखान व वर्णन कर कई संत प्रेमियों का आंखे नम कर दिए, साथ ही साथ यह भी बताया कि इनके पिता इस इलाके के अच्छे गायको में से भी एक थे और रौशन राय अपने पिता के सानिध्य में जो थोड़ी बहुत संगीत की तालीम लिए थे जो धीरे धीरे पिता की यादों के सहारे बड़े बड़े मंचों पर अपने संगीत की धुन सुनाते सह उद्घोषक करते नजर आते है।
वही मौके पर अध्यक्ष दुर्गाचरण, कोषाध्यक्ष मनीष कुमार, महामंत्री रामकिंकर सिंह, रामचरित्र हजारी, प्रो० राजाराम, रमेश भारद्वाज, आर के अमुल, गुलशन, प्रतीक, गौतम आनंद, शिवम, स्नेहा, मिताली, रिया, पल्लवी सहित दर्जनों गायक गायिका और संत प्रेमियों की उपस्थिति दिखाई दी।