किसीके दिल से आज निकला हूँ।
अपनी मर्ज़ी से नही निकला हूँ।
बिना कहे तेरे लिए हुए फ़ैसले
को सुनने के बाद में निकला हूँ।
हमारा अब का हाल बताने को
हर एक से मिलने को निकला हूँ।
मन का बोझ हलका करनें
लिए मैखाने की और निकला हूँ।
मेरा घर होते हुए भी मैं अपने
घर बचाने को निकला हूँ।
मेरे चाहने वालों देख लो मुझे
में अब आख़री बार निकला हूँ।
नीक राजपूत
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