मोहब्बत

अंशुल ठाकुर

हम दोनों को यार जब मोहब्बत का रोग हुआ।।
मत पूछो यार क्या क्या हम दोनों के साथ हुआ।।

हंसते गाते खुश रहते हम दोनों भी साथ मगर
घर वालों का इस पर भारी विरोध हुआ।।

जारी रखा रिश्ता फिर भी हम दोनों ने लेकिन
फिर घरवालों से एक दिन भारी आक्रोश हुआ।।

मिलना जुलना बंद हुआ फिर भी बात होती रही
लेकिन ना मिल पाने के कारण रिश्ता खराब हुआ

हुए अलग फिर हम दोनों और करते भी क्या
जीत गए घर वाले और प्यार हमारा बलिदान हुआ।।

अंशुल ठाकुर

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