बिहपुर में झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी- अवैध नर्सिंग होम में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़

FB IMG 1740105877249

डॉक्टर को समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि वे जीवन बचाने का काम करते हैं। लेकिन जब यही पेशा ठगी और लापरवाही का अड्डा बन जाए, तो मरीजों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित होता है। ऐसा ही एक मामला बिहार के भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड से सामने आया है, जहाँ झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम मरीजों की जिंदगी से खेल रहे हैं।

गुरुवार को बिहपुर स्थित “माँ शारदे नर्सिंग होम” में एक अवैध ऑपरेशन किया जा रहा था। यह नर्सिंग होम बिना किसी रजिस्ट्रेशन के पिछले तीन वर्षों से संचालित हो रहा है। यहाँ एमबीबीएस डॉक्टर अमित कुमार और डी. पासवान के नाम का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर एस. कुमार नामक व्यक्ति थे, जो बेगूसराय से आए थे। वे खुद को डॉक्टर बता रहे थे, लेकिन जब उनके इंडियन मेडिकल रजिस्ट्रेशन नंबर 28386 की जांच की गई, तो यह नंबर बिहार की एक अन्य डॉक्टर निशा सिन्हा के नाम पर दर्ज पाया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है और यह नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हो रहा है।

नर्सिंग होम में भारी अव्यवस्था, ऑपरेशन के दौरान बिजली गुल

इस कथित नर्सिंग होम में चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है। ऑपरेशन थियेटर (OT) में न तो कोई एनेस्थीसिया विशेषज्ञ था, न प्रशिक्षित ओटी स्टाफ, न ही रजिस्टर्ड नर्स मौजूद थी। यहाँ तक कि एमबीओ बैग, लंग्स इनफ्लेटर, सक्शन मशीन और ECG जैसी आवश्यक मेडिकल सुविधाएँ भी नदारद थीं। इतना ही नहीं, जब ऑपरेशन किया जा रहा था, उस दौरान बिजली भी पाँच मिनट के लिए चली गई, और ऑपरेशन सिर्फ एक छोटी इमरजेंसी लाइट की मदद से किया गया। यह मरीज की जान के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं था।

जब डॉक्टर एस. कुमार से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने नर्सिंग होम की अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर की और बताया कि वे यहाँ अमित कुमार के बुलावे पर आए थे। वहीं, ऑपरेशन के दौरान मौजूद मरीज के पिता भी बार-बार यह कहते दिखे कि वे इस अव्यवस्थित जगह पर फँस गए हैं।

बिहपुर में धड़ल्ले से चल रहे अवैध क्लिनिक

बिहपुर में ऐसे कई अवैध नर्सिंग होम और झोलाछाप डॉक्टरों के क्लिनिक चल रहे हैं, जो बिना किसी मेडिकल डिग्री और उचित व्यवस्था के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ये झोलाछाप डॉक्टर ऑपरेशन और इलाज के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं और उनकी जान से खिलवाड़ करते हैं।

इस मामले को लेकर जब भागलपुर सिविल सर्जन से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कहा कि वे मीटिंग में व्यस्त हैं और बाद में बात करेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ऐसी लापरवाही के कारण ही यह गोरखधंधा वर्षों से फल-फूल रहा है। अगर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *