खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड के भरतखंड में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की बदहाली ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाला यह केंद्र खुद बीमार नजर आ रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि यहां न डॉक्टर मिलते हैं, न ही पर्याप्त एएनएम। जो कर्मचारी तैनात हैं, वे भी ड्यूटी से गायब रहते हैं।

डॉक्टर ग़ायब, दवाइयों का नामोनिशान नहीं
सेंटर पर एक चिकित्सक और दो एएनएम तैनात हैं, लेकिन डॉक्टर शायद ही कभी नजर आते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां केवल नाममात्र की सेवाएं उपलब्ध हैं। कभी-कभी तो एक एएनएम भी गायब रहती है। जो बचती है, उसकी ड्यूटी भी नियमित नहीं रहती। मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है।

पत्नी की जगह पति कर रहे हैं ड्यूटी!
यहां की व्यवस्था का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि एक एएनएम के बदले उनके पति ड्यूटी करते देखे गए हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी करने वाले अधिकारी आखिर कहां हैं?
नाम मात्र की दवाइयां, इलाज के लिए संघर्ष
केंद्र पर दवाइयों की उपलब्धता भी सिर्फ कागजों तक सीमित है। मरीजों को आम दवाइयों के लिए भी बाजार का रुख करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस केंद्र का कोई फायदा नहीं है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
सौढ दक्षिणी पंचायत में स्थित यह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जिम्मेदार अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी का जीता-जागता उदाहरण है। स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है।
भरतखंड का हेल्थ सेंटर सरकार के उस वादे को खोखला साबित करता है, जिसमें हर ग्रामीण क्षेत्र को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। अगर जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो यह केंद्र केवल एक खाली इमारत बनकर रह जाएगा।