साहित्य
शॉपिजन एप साहित्यकारों को दे रहा विशेष पहचान
साहित्यकारों के लिए बड़ी समस्या होती है पुस्तकों का प्रकाशन एवं पुस्तकों को बेचना । एक वह भी समय था जब साहित्यकार हज़ारों की लागत से अपनी पुस्तकें छपवाते थे फिर उसे घुम-घुम कर बस ट्रेन में बेचा करते थे । आज भी कई रचनाकार पुस्तकें हज़ारों की लागत से छपवा तो लेते है पर … Read more
तीन प्रश्न –
(1) ऐसे ही विजयादशमी हम हर साल मनाते जाएँगे दशानन का पुतला भी हम हर साल जलाते जाएँगे आखिर और जलाएँगे कब तक ऐसे ही रावण को रामलीला खेलेंगे पर क्या हम राम चरित्र जी पाएँगे । (2) पूछ रहा है रावण कुल मुझे जलाने वाले होते कौन क्या तुम राम चरित्र जी रहे या … Read more