
स्वतंत्रता-काव्य
जन मानस ह्रदय परम निर्भीक हो,दृष्टि गुणदर्शी मस्तक गर्वोन्नत हो ,मन-वचन-कर्म में एकत्व दरश हो,वाणी निःशंक हो, हृदय-तल की,गहराई का…
जन मानस ह्रदय परम निर्भीक हो,दृष्टि गुणदर्शी मस्तक गर्वोन्नत हो ,मन-वचन-कर्म में एकत्व दरश हो,वाणी निःशंक हो, हृदय-तल की,गहराई का…
न काटो पंख मेरे,भरने दो उड़ान मुझे खुले आसमान में ,न करो पिंजरे में बंद मुझेरहने दो उन्मुक्त भाव से…
थम गया है बादलों का शोर हवा भी अब सुकून की साँसें लेने लगी , चेहरा आसमान का है खिला-खिला…
अलसाई सी हैं सभी दिशाएं,खग मृग सब लगते सोए हैं।ओढ़ कुहासे का यह घूंघट,लगता है वृक्ष अभी रोए हैं। क्षीण…
वो दिन याद करमेरी दादी की आँखों मेंआँसू बरस जाता हैलाल कर लेती हैअपनी खूबसूरत आँखेंमत पूछ भीम निधनमेरा दिल…
दुर्लभ मानव जन्म मिला हैं,पुण्य संचय प्रताप खिला हैं,भवोभव के तोल-मोल से,जीवन सुख, आनंद मिला हैं।। सदाचार से जीवन बाग…
चन्द्रहास लेकर करो में,चन्द्र रवि वार करदो, श्रृष्टि का घनघोर अंधेरा,प्रकाश मय इकबार करदो, हर्ष औ उल्लास नेत्र से,सर्वदा सर्वत्र…
जंग लगी तलवार से जंग जीती नहीं जाती।कागज के फूलों से खुशबू कभी नहीं आती।। बरसात में तो बस मेंढक…