मुरादपुर में गंगा से प्राप्त पत्थराकार दैवीय शक्तियां के ऊपर पुजा अर्चना करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

श्रावण मास के अंतिम सोमवारी को परबत्ता प्रखंड के मुरादपुर गंगा तट पर स्थित गंगा मंदिर में पूजा अर्चना करने को लेकर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़। आपको मालूम हो कि उक्त मंदिर में रखें पत्थर, जो गंगा नदी में तैरते हुए स्थानीय ग्रामीणों के हाथ लगी थी, जो पानी में लाख डुबोने के बाद भी नहीं डुबती है। उसी पत्थर को स्थानीय लोगों ने दैवीय शक्तियां व मां गंगा का आगमन सह रामसेतु निर्माण वाले चमत्कारी पत्थर मान धार्मिक रीति रिवाज से कदंब पेड़ के नीचे पुजा पाठ एवं मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित किया था। जिसकी चर्चाएं थमते नहीं थम रही हैं।

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वही सावन माह की अंतिम सोमवारी को हजारों की संख्याओं में स्थानीय लोगों के साथ ही साथ आसपास के कई गांवों के श्रद्धालुओं ने काफी आस्था एवं विश्वास के साथ पुजा अर्चना किया। जिसको लेकर सुबह से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी थी। इसके साथ ही साथ कई तरहों के भक्ति संगीतमय कार्यक्रम भी आयोजित किया गया I इधर मुरादपुर गांव के स्थानीय ग्रामीण साजन झा, सुनील झा, पंचायत समिति प्रतिनिधि लालरतन आदि ने बताया कि उक्त जगहों पर मां गंगा से प्राप्त पत्थर, मात्र एक पत्थर हीं नहीं बल्कि दैवीय शक्तियां का आगमन मुरादपुर की धरती पर हुई है। जिसे हमलोग हीं नहीं बल्कि पुरी हिन्दू समाज इसे मां गंगा के रूप में स्वीकार कर आस्था एवं विश्वास के साथ ही साथ भक्ति भाव से सावन की आखिरी सोमवारी हीं नहीं बल्कि नित्य प्रति दिन पुजा अर्चना धार्मिक व सनातन रीति रिवाज से की जाएगी। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पत्थर रुपी मां गंगा का आकार रोज की रोज अर्थात दिन ब दिन बढ़ती हीं जा रही है।

अंततः उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष रूपी भगवान को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है। इसके पश्चात स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से प्रसाद के रूप में खीर का वितरण किया गया I अंततः अन्य शिवालयों की भांति यहां विशेष रूप से जल चढ़ाने सह पुजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रही I मौके पर पुर्व मुखिया जनार्दन सिंह, सत्येन्द्र सिंह, राहुल कुमार, गौतम कुमार, समाजसेवी श्रवण आकाश समेत हजारों की संख्याओं में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई I

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