- इस मंदिर कि इतिहास करीब 230 वर्ष पुराना है
नवगछिया। बिहपुर के छोटी वाम काली मंदिर का इतिहास करीब 230 वर्ष पुराना है। इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था रही है। मान्यता है कि माँ कि चौखट पर मांगी गई हर मुराद देर-सबेर अवश्य पूरी होती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को यहां मां की पूजा वैदिक व तांत्रिक वीधि से होती है। मंदिर के प्रधान पुजारी मरवा गांव निवासी चंद्रशेखर झा के पूर्वज करते आ रहे हैं। वहीं पूजा समिति के प्रधानमंत्री अरुण साह कसेरा व सचिव जागेश्वर मोदी बताते हैं कि इस मंदिर के विकास एवं पूजा में टोला समेत पूरे ग्रामीणों का सहयोग समिति को मिलता है। मंदिर में पहली बलि सार्वजनिक दिया जाने की परम्परा शुरू से ही चली आ रही है। इस बार काली पूजा 24 अक्टूबर को तथा प्रतिमा विसर्जन 25 अक्टूबर को होगा। बड़ी माँ (वाम काली) की तरह यहां की प्रतिमा का विसर्जन भी थाना घाट सरोवर में किया जाता है। यहां की प्रतिमा भी माँ काली के विसर्जन शोभायात्रा के समय उसी में शामिल होती है। काली पूजा समिती के सदस्य टुनटुन मंडल, ज्ञानदेव कुमार, अनिल कसेरा, अविनाश शर्मा, अभिषेख यादव, सीनू मंडल, सीटू कसेरा, बबलू मोदी, मिलन कसेरा, विक्की कसेरा, राजेश कसेरा, अमर कसेरा, सुजीत पोद्दार, विक्की मोदी, अनिल पोद्दार, किशन कसेरा, सुनील पोद्दार, छोटू कसेरा, मुस्कान पोद्दार, श्रवण मोदी, उत्तम कसेरा, गुलो कसेरा, धर्मवीर पोद्दार, राजू कसेरा, किशन मोदी, मनीष मोदी, मिथलेश, रौशन आदि सदस्य शामिल है। काली पूजनोत्सव को लेकर धूमधाम से तैयारी में सभी जुटे हुए हैं।