Navjot Singh Sidhu : पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu ) द्वारा उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर उपचार को लेकर किए गए दावों ने विवाद खड़ा कर दिया है। सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी का चौथे चरण का कैंसर आयुर्वेदिक नुस्खों और जीवनशैली में बदलाव के जरिए ठीक हुआ, लेकिन उनके इन दावों को चिकित्सा विशेषज्ञों और सिविल सोसाइटी ने खारिज कर दिया है।
सिविल सोसाइटी का नोटिस –
छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने सिद्धू को 850 करोड़ रुपये का नोटिस भेजते हुए कहा है कि उनके दावों से कैंसर मरीजों के इलाज में भ्रम फैल रहा है।
- डॉ. कुलदीप सोलंकी, सिविल सोसाइटी के सदस्य, ने आरोप लगाया कि सिद्धू के बयान से कैंसर मरीज एलोपैथिक उपचार से दूर हो रहे हैं, जिससे उनकी जान पर खतरा बढ़ सकता है।
- सोलंकी ने कहा कि यदि सिद्धू और उनकी पत्नी एक सप्ताह के भीतर अपने दावों के प्रमाण प्रस्तुत नहीं करते, तो उन्हें क्षतिपूर्ति के तौर पर 850 करोड़ रुपये जमा करने होंगे।
- सिविल सोसाइटी ने यह भी मांग की है कि नवजोत कौर सिद्धू प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट करें।
सिद्धू का दावा और आयुर्वेदिक नुस्खे –
नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu ) के अनुसार, उनकी पत्नी ने कैंसर के इलाज के लिए कच्ची हल्दी, तुलसी, नींबू पानी, सेब का विनेगर, नीम के पत्ते, कद्दू, अनार, अखरोट, आंवला और चुकंदर के जूस का सेवन किया।
- खाना पकाने में: नारियल और बादाम तेल का इस्तेमाल।
- चाय में: लौंग, गुड़ और दालचीनी का उपयोग।
- सिद्धू ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने “अनुशासित जीवनशैली” अपनाकर और इन प्राकृतिक नुस्खों से कैंसर को मात दी, न कि एलोपैथिक दवाओं से।
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डॉक्टरों की प्रतिक्रिया –
चिकित्सा विशेषज्ञों ने सिद्धू के दावों को खारिज किया है।
- डॉक्टरों का कहना है कि आयुर्वेदिक नुस्खों और जीवनशैली में बदलाव से सेहत में सुधार हो सकता है, लेकिन कैंसर का इलाज एलोपैथिक चिकित्सा के बिना संभव नहीं है।
- सिद्धू के बयान को “वैज्ञानिक आधारहीन” बताते हुए डॉक्टरों ने इसे कैंसर मरीजों के लिए खतरनाक बताया।
सिद्धू के दावों का असर –
सिविल सोसाइटी और डॉक्टरों का मानना है कि सिद्धू के दावे गलतफहमी पैदा कर सकते हैं, जिससे कैंसर मरीज अपना इलाज बीच में छोड़ सकते हैं।
- विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि कैंसर का इलाज सही समय पर की गई एलोपैथिक चिकित्सा, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और अन्य मेडिकल प्रक्रियाओं से ही संभव है।
निष्कर्ष –
नवजोत सिंह सिद्धू के दावे न केवल विवादास्पद हैं, बल्कि चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा खारिज किए गए हैं। इस मामले में सिद्धू और उनकी पत्नी को अपने दावों के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा यह मामला कानूनी रूप से और जटिल हो सकता है।
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